सम्पादकीय

मुस्लिम नेताओं की नाराजगी को देखते हुए अखिलेश नहीं बुला रहे हैं विधायकों की बैठक या फिर आजम खान हैं वजह

Rani Sahu
2 May 2022 9:29 AM GMT
मुस्लिम नेताओं की नाराजगी को देखते हुए अखिलेश नहीं बुला रहे हैं विधायकों की बैठक या फिर आजम खान हैं वजह
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समाजवादी पार्टी राज्य में हुए विधानसभा चुनाव में हारने के बाद दूसरी बार सत्ता से बाहर हो गई है

हरीश तिवारी

समाजवादी पार्टी राज्य में हुए विधानसभा चुनाव में हारने के बाद दूसरी बार सत्ता से बाहर हो गई है. सरकार बनाने से चूकने के बाद सपा में कलह देखी जा रही है. पार्टी में एक तरह से नेताओं में असंतोष देखा जा रहा है और खासतौर से, मुस्लिम नेता पार्टी अध्यक्ष अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) से नाराज बताए जा रहे हैं. क्योंकि अखिलेश यादव मुस्लिम नेताओं और मुस्लिमों से जुड़े मुद्दों को लेकर सुस्त हैं. जबकि विधानसभा चुनाव में मुस्लिनों ने सपा को एकतरफा वोट दिया था और इसका इजहार पार्टी के नेता कई बार कर चुके हैं. खास बात ये है कि पार्टी के सामने पार्टी के वरिष्ठ नेता और रामपुर (Rampur) से विधायक आजम खान का मुद्दा सिरदर्द बने हुए हैं और पार्टी नेतृत्व को इसका इलाज भी नहीं मिल रहा है. आजम खान ने भले ही कुछ नहीं कहा है, लेकिन उनकी लिखी गई स्क्रिप्ट को उनके मीडिया प्रमुख शानू ने पढ़कर पार्टी नेतृत्व को सुना दिया है. जिसके बाद अखिलेश यादव बैकफुट पर हैं और पिछले एक महीने में उन्होंने पार्टी नेताओं और विधायकों की कोई बैठक नहीं बुलाई है. जानकारों के मुताबिक अखिलेश आजम खान (Azam Khan) के मुद्दे को ज्यादा तूल नहीं देना चाहते हैं और इसके कारण वह अभी बैठक नहीं बुलाना चाहते हैं. क्योंकि बैठक में मुस्लिम विधायक अखिलेश यादव के खिलाफ बगावत कर सकते हैं.
विधानसभा चुनाव के बाद अखिलेश यादव जमीन से ज्यादा सोशल मीडिया में सक्रिय है. जबकि पार्टी के भीतर उनकी मुश्किलें बढ़ी हुई है. क्योंकि पार्टी का एक बड़ा वर्ग अखिलेश यादव के रवैये को लेकर नाराज है. इसमें खासतौर से मुस्लिम नेताओं का गुट है. जो चाहते हैं कि राज्य में मुस्लिमों के खिलाफ हो रही कार्रवाई के खिलाफ अखिलेश यादव जमीन पर उतरें औरर योगी सरकार के सामने विरोध जताए. अब मुस्लिम नेताओं को आजम खान पर हो रही कार्रवाई का बड़ा मुद्दा मिल गया है और वह इसके जरिए अखिलेश यादव को कठघरे में खड़ा कर रहे हैं. सच्चाई ये भी है कि आजम खान पिछले दो साल से जेल में हैं और तब किसी भी मुस्लिम नेता ने आजम खान के मुद्दे को पार्टी नेतृत्व के सामने नहीं उठाया. लेकिन अब चुनाव के बाद आजम खान समर्थक मुस्लिम नेता दो मुद्दों पर अखिलेश यादव से नाराजगी जता रहे हैं. उसमें है पहला आजम खान के मुद्दे पर अखिलेश यादव की चुप्पी और दूसरा राज्य विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष के पद पर आजम खान को नियुक्त ना करना. नेता प्रतिपक्ष का पद अहम होता है और आजम खान चाहते थे कि इस पद पर नियु्क्त होने के बाद वह कम से कम जेल से बाहर तो निकलते. भले ही वह विधानसभा की कार्यवाही के नाम ही क्यों ना हो, वह खुली हवा में सांस तो ले सकते थे. लेकिन अखिलेश यादव खुद इस पद पर काबिज हो गए और उन्होंने आजम खान के इरादों पर पानी फेर दिया.
सपा में है नाराज मुस्लिम नेताओं की कतार
समाजवादी पार्टी के जसवंत नगर से विधायक शिवपाल सिंह यादव ने तो आजम खान के मुद्दे पर अखिलेश यादव को घेरा और आरोप लगाया है कि वह और मुलायम सिंह यादव आजम खान को अगर जेल से बाहर निकालना चाहते तो वह निकाल सकते थे. शिवपाल के इस बयान के बाद अखिलेश यादव कोई जवाब नहीं दे सके. शिवपाल के साथ ही पार्टी के संभल से सांसद शफीकुर्रहमान बर्क और सीतापुर जेल में बंद आजम खान ने समाजवादी पार्टी में सपा मुखिया अखिलेश यादव की कार्यशैली से नाराज होकर संदेश दिया कि पार्टी में सबकुछ ठीक नहीं है. इसके साथ जिलों में कई नेताओं ने पार्टी से इसलिए इस्तीफा दिया कि मुस्लिमों के मुद्दों पर अखिलेश यादव खामोश हैं. बरेली के विधायक शहजिल इस्लाम ने तो आजम खान की तरह समाजवादी पार्टी के प्रतिनिधिमंडल से मिलने से मना कर दिया, जिसे पार्टी अध्यक्ष अखिलेश यादव ने भेजा था.
मायावती के हमले के बाद पसोपेश में अखिलेश यादव
बीएसपी प्रमुख मायावती ने पिछले दिनों ही आरोप लगाया कि समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव से मुस्लिम समाज नाराज है और अखिलेश यादव विदेश भाग सकते हैं. जिसके बाद अखिलेश यादव पसोपेश में हैं. मायावती ने अखिलेश यादव के खिलाफ मुस्लिम नेताओं में बढ़ रही नाराजगी को एक तरह से हवा दे दी है. जिसके बाद अखिलेश यादव दबाव में है. क्योंकि मायावती ही नहीं मुस्लिम नेता भी यही दावा कर रहे हैं कि मुस्लिम सपा से नाराज हैं और खासतौर से पार्टी अध्यक्ष अखिलेश यादव से. मायावती ने ये दांव अखिलेश यादव को घेरने के लिए चला था और वह सही लक्ष्य पर लगा भी है. क्योंकि राज्य में असल लड़ाई बीूएसपी और एसपी के बीच में मुस्लिम वोटों को लेकर ही है.
मुस्लिम नेताओं की बुलाई बैठक तो अखिलेश यादव पर बन सकता है दबाव
जानकारों का कहना है कि अगर अखिलेश यादव मुस्लिम विधायकों और नेताओं की बैठक बुलाते हैं तो बैठक में उनके खिलाफ बगावत हो सकती है. अखिलेश यादव के खिलाफ मुस्लिम नेता और विधायक मोर्चा खोल सकते हैं. यही नहीं मुस्लिम नेता अखिलेश यादव से आजम खान को नेता प्रतिपक्ष के पद पर नियुक्त करने का दबाव बना सकते हैं. इसके साथ ही पार्टी के मुस्लिम नेता अखिलेश यादव से सड़क पर विरोध जताने की मांग कर सकते हैं. जिसके बाद मुस्लिम नेताओं की नाराजगी को देखते हुए अखिलेश यादव विधायकों की बैठक बुलाने को तैयार नहीं हैं. क्योंकि अगर बैठक में हंगामा होता है तो इसका लाभ विपक्षी दल आसानी से उठा सकते हैं. जो अखिलेश यादव किसी भी हाल में नहीं चाहते हैं. लिहाजा अखिलेश यादव शांत हैं और मौके का इंतजार कर रहे हैं. क्योंकि मौजूदा सियासत में अखिलेश यादव के खिलाफ जो हवा बह रही है वह उसे किसी भी हाल में और तेज नहीं करना चाहते हैं.
Rani Sahu

Rani Sahu

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