- Home
- /
- अन्य खबरें
- /
- सम्पादकीय
- /
- लाॅकडाउन का दायरा:...
भूपेंद्र सिंह | राजधानी दिल्ली में लाॅकडाउन में और रियायत देने का जो फैसला किया गया, वह एक सही कदम है। उचित यह होगा कि जिन राज्यों में कोरोना संक्रमण में तेजी से गिरावट आ रही है, वे भी दिल्ली की राह पर चलें। ऐसा करते समय सबसे अधिक ध्यान इस पर देना होगा कि आर्थिक-व्यापारिक गतिविधियों को विशेष बल मिले। चूंकि जीवन बचाने जितना महत्वपूर्ण आजीविका के साधनों को सहारा देना है, इसलिए आर्थिक-व्यापारिक गतिविधियों को विशेष संरक्षण देना समय की मांग है। वास्तव में कोशिश इस बात की होनी चाहिए कि अर्थव्यवस्था का पहिया इस तेजी से घूमे कि लाकडाउन अवधि में हुए नुकसान की ज्यादा से ज्यादा भरपाई हो सके। यह कोशिश तब कामयाब होगी, जब यह देखा जाएगा कि वे गतिविधियां लाकडाउन के दायरे में न आने पाएं, जो अर्थव्यवस्था को गति देने में सहायक हैं। इस सिलसिले में राज्यों को कामगारों की उपलब्धता की खास परवाह करनी होगी। राज्यों को चाहिए कि वे कामगारों के लिए अनुकूल माहौल का निर्माण प्राथमिकता के आधार पर करें। इसी के साथ उन्हें इसके प्रति भी सतर्क रहना होगा कि कार्यस्थलों और सार्वजनिक स्थानों में कोरोना से बचे रहने के तौर-तरीकों पर सही तरह से अमल हो। नि:संदेह ऐसा तभी होगा, जब आम लोग भी शासन-प्रशासन का सहयोग करेंगे।