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ईस्ट इंडिया कंपनी द्वारा सत्ता कब्जाए जाने के बाद अंग्रेजों ने भारत में जो उत्पीड़न, लूट-खसोट तथा दमनचक्र चलाया उनकी हजारों दिल दहलाने वाली लोमहर्षक लिखी- अनलिखी सत्य कथाएं हैं
ईस्ट इंडिया कंपनी द्वारा सत्ता कब्जाए जाने के बाद अंग्रेजों ने भारत में जो उत्पीड़न, लूट-खसोट तथा दमनचक्र चलाया उनकी हजारों दिल दहलाने वाली लोमहर्षक लिखी- अनलिखी सत्य कथाएं हैं। दमन, अत्याचारों की बर्बरता के साथ एक कड़वी सच्चाई यह भी है कि इस्लामिक हमलावरों की तरह अंग्रेजों ने भी पुरातन भारतीय संस्कृति तथा सभ्यता को मिटाने और भारत में ईसाई मत को स्थापित करने के लिए मुस्लिम शासकों की भांति भारत में गिरजाघरों की स्थापना करने और हिन्दुओं का धर्मांतरण करने में कोई कसर नहीं छोड़ी। अंतर सिर्फ यह रहा कि मुस्लिम शासकों ने चुन-चुन कर लाखों मंदिरो को तोड़कर उनके ऊपर मस्जिदों का निर्माण किया और सनातक धर्म को मिटाने के लिए क्रूरतापूर्वक लाखों हिन्दुओं का कत्लेआम तथा धर्मांतरण किया, जबकि ईसाई मिशनरियों ने बहका-फुसला और लालच देकर ये काम किये।
इसका परिणाम यह निकला कि भारत में हिन्दू धर्म से स्थानन्तरण किये हुए करोड़ों ईसाई धर्मावलम्बी हैं और देश भर में हजारों की संख्या में चर्च, मिशनरी स्कूल-कॉलेज, अस्पताल को भी धर्म प्रचार के नाम पर अरबों रुपया प्राप्त होता है।
इन ईसाई धार्मिक संस्थानों, चर्च व अस्पताल-कॉलेज आदि का प्रबंधन सी. एन. आई. करती है, उस पर तथा चर्च आफ नॉर्थ इंडिया व चर्च आफ साउथ इंडिया के मॉडरेटर बिशप पी. सी. सिंह व मॉडरेटर बिशप ए. धर्मराज रसालम पर ईसाई धर्मावलम्बियों ने करोड़ों रुपयों के घोटाले, सम्पतियों को खुर्दबुर्द करने तथा अरबों रुपया हवाला के जरिये विदेशों को भेजने के अति गंभीर आरोप लगाए हैं। इतना ही नहीं बिशप पी. सी. सिंह पर तो यौनशोषण तक के आरोप भी लगे हैं।
हर कोई जानता है कि चर्चों की सम्पतियों की लूट खसोट और बंदरबाट धड़ल्ले से हुई है और हो रही है। देखते-देखते मुज़फ्फरनगर सरवट रोड तथा नगरपालिका कार्यालय का चर्च भूमाफियाओं के कब्ज़े में आ गए और चर्च नाममात्र का बचा है यहां व्यापारिक दुकानें व बाजार खुल गए। पूरे देश में यही हो रहा है।
ईसाई धार्मिक प्रतिष्ठानों में चल रही लूट-खसोट के बाबजूद उत्तर पूर्व राज्यों में, छत्तीसगढ़, झारखण्ड, बिहार, ओडिशा, केरल व महाराष्ट्र आदि राज्यों में ही नहीं पंजाब तथा उत्तर प्रदेश तक में धर्मांतरण के प्रयास होते रहते हैं। महाराष्ट्र के पालघर में दो निर्दोष हिन्दू संतो की पीट-पीट कर हुई हत्या की बर्बर घटना से प्रकट होता है ईसाई कट्टरपंथी अंग्रेजों के जाने के बाद भी भयहीन व आक्रमक हैं। जिन विवेकशील व देश हितैषी ईसाइयों ने चर्च के वरिष्ठ पदाधिकारियों की करतूतों की जाँच ईडी व सीबीआई से कराने की मांग की है, केंद्र को उनकी मांग स्वीकार कर तुरंत कार्यवाही करनी चाहिए।
गोविन्द वर्मा
Rani Sahu
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