- Home
- /
- अन्य खबरें
- /
- सम्पादकीय
- /
- मन्त्रालयों का...
आदित्य चोपड़ा| प्रधानमन्त्री श्री नरेन्द्र मोदी ने अपने मन्त्रिमंडल का विशद विस्तार करने के साथ ही जिस प्रकार विभागों का वितरण व पुनर्संयोजन किया है उससे सरकार के काम करने की दक्षता में तीव्रता व सुगमता आनी चाहिए और विभिन्न विभागीय परियोजनाओं में सामंजस्य पैदा होना चाहिए। यह सुनने में अटपटा लग सकता है कि शहरी विकास विभाग के साथ पेट्रोलियम मन्त्रालय को जोड़ दिया गया है और इनका मन्त्री श्री हरदीप सिंह पुरी को बना दिया गया है। शहरी विकास का पेट्रोलियम मन्त्रालय से प्रत्यक्ष लेना-देना इस मामले में है कि पेट्रोलियम उत्पादों की खपत का शहरी विकास के साथ समानुपाती सम्बन्ध है। इसके साथ ही भविष्य को देखते हुए सबसे पहले हमें शहरों में ही प्रदूषण को नियन्त्रित करते हुए वाहनों के लिए वैकल्पिक ईंधन की व्यवस्था करनी पड़ेगी। यह वैकल्पिक ईंधन बिजली या बैटरी से चलने वाले वाहन होंगे। वर्तमान में पेट्रोल व डीजल के दाम जिस तरह आसमान छू रहे हैं उसे देखते हुए भी हमें वैकल्पिक ईंधन की तरफ जाने में जल्दी दिखानी होगी। मगर इस बात का ध्यान श्री पुरी को रखना होगा कि वह इस मामले में बिजली मन्त्रालय के साथ इस प्रकार सामंजस्य बांधे कि उद्योग मन्त्रालय की भी इसमें बराबर की शिरकत रहे। इसके साथ ही रेल मन्त्रालय के साथ सूचना प्रौद्योगिकी मन्त्रालय जोड़ा गया है। इसका मन्तव्य बहुत स्पष्ट है कि भारत को इंटरनेट के तन्त्र से जोड़ने के लिए रेलवे नेटवर्क के सहारे की जरूरत है।