सम्पादकीय

विदेशों में पढ़ने वाले मेडिकल छात्रों के लिए राहत, पीएम मोदी के आग्रह पर महिंद्रा ग्रुप अब चिकित्सा शिक्षा के क्षेत्र में करेगा बड़ा निवेश

Rani Sahu
5 March 2022 1:31 PM GMT
विदेशों में पढ़ने वाले मेडिकल छात्रों के लिए राहत, पीएम मोदी के आग्रह पर महिंद्रा ग्रुप अब चिकित्सा शिक्षा के क्षेत्र में करेगा बड़ा निवेश
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पीएम मोदी के आग्रह पर महिंद्रा ग्रुप अब चिकित्सा शिक्षा के क्षेत्र में करेगा बड़ा निवेश

देबश्री मोहंती

महिंद्रा ग्रुप (Mahindra Group) के चेयरमैन आनंद महिंद्रा (Anand Mahindra) ने गुरुवार को ट्वीट किया कि उन्हें इस बात का अंदाजा नहीं था कि भारत में मेडिकल कॉलेजों की इतनी कमी है. उन्होंने ऐसा यूक्रेन (Ukraine) से आई खबरों के आधार पर कहा कि 18,000 से अधिक भारतीय छात्र इस वक्त विदेश के विश्वविद्यालयों में मेडिकल की पढ़ाई कर रहे हैं. इन छात्रों में से अधिकांश रूसी बमबारी और गोलाबारी से बचने के लिए बंकरों या मेट्रो स्टेशनों में शरण लिए हुए हैं और सुरक्षित इलाकों ले जाए जाने की प्रतीक्षा कर रहे हैं. खार्किव और कीव जैसे क्षेत्रों में ऐसे ज्यादा छात्र फंसे हुए हैं. भारत सरकार 1 मार्च तक युद्धग्रस्त यूक्रेन से अब तक 12,000 छात्रों को बचा कर शांत पड़ोसी देशों और स्वदेश लाने में कामयाब रही है.
हालांकि अब भी कुछ ऐसे छात्र हैं जो घर वापस जाने के लिए उड़ान की प्रतीक्षा कर रहे हैं. इस स्थिति को देखते हुए महिंद्रा ने अपने ट्वीट में कहा कि उनके ग्रुप को एक मेडिकल कॉलेज स्थापित करने पर विचार करना चाहिए. उन्होंने टेक महिंद्रा के एमडी और सीईओ, सीपी गुरनानी से इसकी संभावना तलाशने को कहा है. TV9 ने गुरनानी से बात की तो उन्होंने कहा, "हम एक फिजिबीलिटी रिपोर्ट पर काम कर रहे हैं जिसे हम सोमवार को अध्यक्ष को सौंपेंगे. महिंद्रा विश्वविद्यालय के प्रोफेसर याज मेदुरी को हमें बताना है कि क्या हमारे पास हैदराबाद में महिंद्रा कैंपस के भीतर एक मेडिकल कॉलेज और एक अस्पताल की स्थापना के लिए सभी आवश्यक चीजें हैं या नहीं." डॉ मेडुरी विश्वविद्यालय के कुलपति हैं.
क्या यह प्रोजेक्ट हकीकत में तब्दील हो सकता है
यह सवाल पूछने पर गुरनानी ने कहा, "हमें इस पर टिप्पणी करने से पहले ब्लू प्रिंट की प्रतीक्षा करनी होगी." लेकिन अगर अध्यक्ष इस विचार को हरी झंडी दिखाते हैं तो वे बहादुरपल्ली (हैदराबाद) टेक महिंद्रा विश्वविद्यालय में इस मेडिकल कॉलेज और अस्पताल को स्थापित करने की संभावना पर विचार करेंगे.
विश्वविद्यालय में पहले से ही महिंद्रा यूनिवर्सिटी इकोले सेंट्रल स्कूल ऑफ इंजीनियरिंग के नाम से एक इंजीनियरिंग कॉलेज है जिसे पहले महिंद्रा इकोले सेंट्रल के नाम से जाना जाता था.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार को निजी क्षेत्र से चिकित्सा शिक्षा के क्षेत्र में बड़ा निवेश करने का आग्रह किया है. स्वास्थ्य क्षेत्र पर बजट घोषणाओं पर एक वेबिनार में पीएम मोदी ने कहा कि उन्होंने देखा है कि भारतीय छात्र भाषा की बाधा के बावजूद चिकित्सा शिक्षा के लिए कई छोटे देशों में जा रहे हैं. उन्होंने यह भी सुझाव दिया कि राज्य सरकारों को मेडिकल शिक्षा के लिए भूमि आवंटन को लेकर बेहतर नीतियां बनानी चाहिए, ताकि भारत वैश्विक मांग को पूरा करने के लिए बड़ी संख्या में डॉक्टर्स और पैरामेडिक्स तैयार कर सके.
इस वक्त भारत में करीब 605 मेडिकल कॉलेज हैं और उनमें लगभग 91,000 सीटें हैं. आंकड़ों के मुताबिक 16 लाख से अधिक छात्र हर साल एमबीबीएस के लिए राष्ट्रीय पात्रता सह प्रवेश परीक्षा (एनईईटी) में बैठते हैं. भारत में 88,120 बैचलर ऑफ मेडिसिन बैचलर ऑफ सर्जरी (एमबीबीएस) सीटें और 27,498 बैचलर ऑफ डेंटल सर्जरी (बीडीएस) सीटें हैं (दिसंबर 2021 में लोकसभा में स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा साझा किए गए आंकड़ों के मुताबिक). सरकारी कॉलेजों में मेडिकल कोर्स की औसत वार्षिक फीस 2 लाख रुपये और निजी कॉलेजों में 10-15 लाख रुपये है. यानी साढ़े चार साल के कोर्स के लिए छात्रों को सरकारी कॉलेजों में 14 लाख रुपये और निजी संस्थानों में 60-70 लाख रुपये तक खर्च करने होते हैं.
Rani Sahu

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