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10 अप्रैल को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ट्वीट कर कहा कि पीएम किसान सम्मान निधि और कृषि से जुड़ी अनेक योजनाएं देश के करोड़ों किसानों को नई ताकत दे रही हंै। देश को अपने किसानों पर गर्व है। किसानों के सशक्तिकरण और कृषि व ग्रामीण विकास की योजनाओं के सफल क्रियान्वयन से देश में खाद्यान्न प्रचुरता के फायदों का नया अध्याय दिखाई दे रहा है। गौरतलब है कि देश में खाद्यान्न प्रचुरता के कारण दो अभूतपूर्व सुकूनदेह अनुकूलताएं उभरकर दिखाई दे रही हैं। एक, सरकार के मुफ्त खाद्यान्न कार्यक्रम के कारण जहां कोविड-19 की वजह से लगाए गए लॉकडाउन की मार से गरीबों को बहुत कुछ बचाया जा सका है, वहीं इस समय दुनिया की तुलना में देश में महंगाई कम है। दो, रूस-यूक्रेन के बीच भारत ने वैश्विक खाद्यान्न जरूरतों की पूर्ति के मद्देनजर गेहूं निर्यात का अभूतपूर्व मौका मुठ्ठियों में लिया है। उल्लेखनीय है कि देश में गेहूं सहित खाद्यान्नों के रिकॉर्ड उत्पादन का परिदृश्य दिखाई दे रहा है। देश का कृषि उत्पादन आम आदमी और अर्थव्यवस्था के लिए बड़ा सहारा बन गया है। खाद्य मंत्रालय के द्वारा प्रकाशित खाद्यान्न उत्पादन के दूसरे अग्रिम अनुमान के अनुसार फसल वर्ष 2021-22 में देश में कुल खाद्यान्न उत्पादन रिकॉर्ड 31.60 करोड़ टन पर पहुंच जाने का अनुमान है, जो पिछले फसल वर्ष में 31.07 करोड़ टन रहा था। इस वर्ष गेहूं का उत्पादन रिकॉर्ड 11.13 करोड़ टन रहने का अनुमान है। गेहूं का उत्पादन पिछले वर्ष 10.95 करोड़ टन रहा था। 2021-22 के दौरान चावल का कुल उत्पादन 12.79 करोड़ टन रिकॉर्ड अनुमानित है।