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सबसे पहले तो यह कहना उचित होगा कि बरसात में हर साल आसमान से जो अमृत बरसता है
सबसे पहले तो यह कहना उचित होगा कि बरसात में हर साल आसमान से जो अमृत बरसता है, उसे संभालने के प्रति सरकारों व प्रशासन का ढुलमुल रवैया रहता है। शहरों में नए तालाबों के निर्माण के लिए जगह की कमी भी आड़े आ सकती है। लेकिन शहरों के आसपास के गांवों के किसानों को तालाबों से होने वाले फायदों के प्रति जागरूक करना होगा ताकि वे अपनी जमीन का कुछ हिस्सा तालाब निर्माण के लिए दे दें या फिर सरकार और प्रशासन को किसानों से उचित दामों पर जमीन खरीद करके तालाबो का निर्माण करना होगा।
तालाबों का निर्माण होने से भूजल पर सकारात्मक असर तो पड़ता ही है, पर्यावरण पर भी इसका सकारात्मक असर पड़ता है। तालाब और जंगल इनसान की जिंंदगी के लिए उसी तरह जरूरी हैं जिस तरह रोटी और पानी। इसलिए तालाबों का पुनर्निर्माण किया जाना चाहिए।
-राजेश कुमार चौहान, सुजानपुर टीहरा
Rani Sahu
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