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सम्पादकीय
Rajya Sabha Election: यूपी में राज्यसभा की एक सीट के लिए होगा बीजेपी और एसपी में शह और मात का खेल, हार्स ट्रेडिंग और सेंधमारी तय करेगी जीत की राह
Gulabi Jagat
27 May 2022 8:42 AM GMT
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यूपी में राज्यसभा की एक सीट के लिए होगा बीजेपी और एसपी में शह और मात का खेल
हरीश तिवारी |
राज्यसभा चुनाव (Rajya Sabha Election) ने बाद ना केवल दिल्ली में भारतीय जनता पार्टी उच्च सदन में ताकतवर होगी. बल्कि राज्यसभा चुनाव से राज्य में बीजेपी की ताकत का भी एहसास होगा. क्योंकि राज्य में बीजेपी(BJP) की असल परीक्षा आठवीं सीट को लेकर है. क्योंकि इस सीट पर जीत तभी हासिल होगी जब बीजेपी, समाजवादी पार्टी (Samajwadi Party) और अन्य विपक्षी दलों में सेंध लगाएगी और इस सीट को जीतने के लिए जरूरी बहुमत हासिल करेगी. बताया जा रहा है कि राज्यसभा चुनाव क लिए बीजेपी ने 21 नामों का पैनल तैयार आलाकमान को भेज दिया है. जिसमें आठ नामों पर मुहर लगाई जानी है और रविवार को तक बीजेपी नाम को फाइनल कर सकती है.
उत्तर प्रदेश में 11 सीटों पर राज्यसभा चुनाव होने जा रहे हैं और विधानसभा में संख्याबल के आधार पर सपा तीन सीटें और बीजेपी सात सीटों पर आसानी जीत दर्ज कर सकती है. लेकिन असल लड़ाई एक सीट यानी 11 वीं सीट को लेकर है. जिसके लिए सपा ने अभी तक कोई प्रत्याशी नहीं उतारा है. जबकि बीजेपी इस सीट के लिए प्रत्याशी उतारने की तैयारी में है. बीजेपी के आठ प्रत्याशियों की जीत तय है और आठवें प्रत्याशी के लिए उसे विपक्षी दलों में सेंध लगानी होगी. खासतौर से सपा और उसके सहयोगी दलों में ही सेंध लगाकर वह इस सीट को जीत सकती है. लिहाजा आठवीं सीट से सपा और उसके सहयोगी दलों के गठबंधन की भी परीक्षा होगी. सपा के पास जीत के लिए 111 का बहुतमत है.
सपा के बागियों में बीजेपी लगा सकती है सेंध
माना जा रहा है कि बीजेपी सपा के बागियों में भी सेंध लगा सकती है. सपा में कुछ विधायक अभी भी सपा प्रमुख से नाराज चल रहे हैं. ऐसे में ये विधायक बीजेपी के निशाने पर हैं. जबकि शिवपाल सिंह यादव और आजम खान की नाराजगी जगजाहिर है. लिहाजा ऐसे में बीजेपी आठवीं सीट के लिए कुछ बड़ा खेल कर सकती है. फिलहाल राज्य विधानसभा में सपा गठबंधन के पास 125 विधायक हैं. जबकि सपा और उसके सहयोगियों के अलावा विपक्ष में कांग्रेस के पास 2, जनसत्ता पार्टी के पास 2 और बीएसपी के पास 1 विधायक है. इसमें जनसत्ता दल और बीएसपी का एकमात्र विधायक सत्ता पक्ष को वोट दे सकता है. लेकिन कांग्रेस असमंजस में है. क्योंकि सपा ने कांग्रेस में सेंध लगाकार उसके वरिष्ठ नेता को अपने पाले में कर लिया है.
जानिए एक सीट के लिए कितने विधायकों की होगी जरूरत
राज्य विधानसभा में 403 विधायक हैं और राज्यसभा की 11 सीटों पर चुनाव हो रहे हैं. लिहाजा एक सीट के लिए 37 विधायकों का समर्थन जरूरी है. बीजेपी गठबंधन के पास 273 सदस्य हैं. ऐसे में सात प्रत्याशियों के जीत के बाद भी बीजेपी के पास 14 विधायक रह जाएंगे. कुछ ऐसा ही गणित सपा के साथ भी है. उसके तीन सीटों पर जीत दर्ज करने के बाद 14 विधायक बचेंगे. ऐसे में गैर बीजेपी और गैर एसपी के पांच विधायकों का वोट अहम हो जाता है. बीजेपी की पूरी कोशिश है कि वह सपा में सेंध लगाकार अपने पक्ष में ज्यादा से ज्यादा वोट हासिल करे.
सपा को क्रॉस वोटिंग का डर
राज्यसभा चुनाव में क्रास वोटिंग को लेकर सपा डरी हुई है. क्योंकि आजम खान की नाराजगी सबके सामने आ चुकी है जबकि शिवपाल यादव पूरे सदन में सीएम योगी आदित्यनाथ की तारीफ कर रहे हैं. नाहिद हसन और शहजिल इस्लाम भी सपा अध्यक्ष से नाराज बताए जा रहे हैं. ऐसे में अगर सपा अगर चौथा प्रत्याशी उतारती है तो बीजेपी क्रास वोटिंग को लेकर सफल हो सकती है. जो सीधे तौर पर सपा प्रमुख के लिए बड़ा सियासी झटका होगा. लिहाजा सपा शायद चौथे प्रत्याशी को मैदान में ना उतारे. अगर ऐसा होता है तो बीजेपी के प्रत्याशी की जीत होगी और इसके साथ ही सपा अपने विधायकों को एकजुट रखने में भी सफल होगी.
Gulabi Jagat
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