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- आफत बन गई बरसात
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इनसान ने विज्ञान के क्षेत्र में बेशक खूब तरक्की कर ली है, लेकिन प्राकृतिक आपदाएं अपना ताडंव करके इनसान को अहसास दिलाती है कि कुदरत के आगे वह अभी भी बौना है। हर साल बरसात के मौसम में देश के विभिन्न राज्य बाढ़ की चपेट में आते हैं, लेकिन न तो केंद्र सरकार और न ही राज्य सरकारें इस आपदा से निपटने के लिए पहले से कमर कस के रखती हैं। जब बरसात आफत बनती है तो सरकारें और प्रशासन कुंभकर्णी नींद से जागकर इस पर मुआवजे और सांत्वना का मरहम लगाकर अगले मानसून तक लंबी तान के सो जाते हैं। यह तो हमारे लिए बहुत गर्व की बात है कि हमारे देश के मौसम वैज्ञानिकों की मौसम को लेकर की जाने वाली भविष्यवाणी सटीक होती है, लेकिन बाढ़ के कहर से देश के हर शहर और गांव को बचाने के लिए सरकार को गंभीरता दिखानी चाहिए।
-राजेश कुमार चौहान, सुजानपुर टीहरा
By: divyahimachal
Rani Sahu
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