सम्पादकीय

12 सप्ताह में स्मोकिंग छुड़ाने वाली थेरेपी जल्दी ही दवाओं की सूची में शामिल होगी

Rani Sahu
24 Aug 2022 9:40 AM GMT
12 सप्ताह में स्मोकिंग छुड़ाने वाली थेरेपी जल्दी ही दवाओं की सूची में शामिल होगी
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जो लोग बुरी तरह से स्मोकिंग की आदत से परेशान हैं, उनके लिए खुशखबरी है
बिच्छू राउंडअप
जो लोग बुरी तरह से स्मोकिंग की आदत से परेशान हैं, उनके लिए खुशखबरी है। स्मोकिंग छुड़ाने वाली दवा या थेरेपी अब हर जगह बहुत आसानी से उपलब्ध हो जाएगी। जल्द ही इस थेरेपी को भारत की जरूरी दवाओं की सूची में दर्ज कर लिया जाएगा। निकोटीन रिप्लेसमेंट थेरेपी विश्व स्वास्थ्य संगठन द्वारा अनुमोदित थेरेपी है जिसके तहत 12 सप्ताह के कोर्स में स्मोकिंग की लत को धीरे-धीरे पूरी तरह से छुड़ाया जा सकता है। टीओआई की खबर के मुताबिक सबसे दिलचस्प बात यह है कि इस थेरेपी का खर्च भी बहुत कम है। अगर कोई व्यक्ति स्मोकिंग की लत को छुड़ाना चाहे तो उस रोजाना मात्र 10-13 रुपये खर्च करने होंगे। इतने रुपये खर्च कर 90 दिनों के अंदर भी इसे छुड़ाया जा सकता है। गौरतलब है कि भारत धुम्रपान करने वाली सबसे बड़ी आबादियों में से एक है। यहां करीब 26.7 करोड़ घुम्रपान करने वाले लोग हैं। इनमें से 9.9 करोड़ स्मोकर हैं जबकि 19.9 करोड़ लोग धुआं रहित धुम्रपान करते हैं। बीड़ी और स्मोकलेस में तंबाकू का इस्तेमाल भारत में सबसे अधिक होता है। एनआरटी के लिए भारत सबसे तेजी से बढ़ता बाजार है। यह 10 प्रतिशत की दर से बढ़ रहा है। इस बाजार में सिप्ला कंपनी का बर्चस्व है।
शराब घोटाले पर सीबीआई का एक्शन, सिसोदिया के विदेश जाने पर लगी रोक
शराब घोटाले के मामले में सीबीआई ने बड़ी कार्रवाई की है और दिल्ली के डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया समेत 14 लोगों के खिलाफ लुकआउट सर्कुलर जारी कर दिया है। मनीष सिसोदिया सहित इन सभी 14 लोगों के विदेश जाने पर रोक लगा दी गई है। बता दें कि शराब घोटाले में छापेमारी के बाद सीबीआई ने मनीष सिसोदिया के खिलाफ लुकआउट सर्कुलर जारी किया है। दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया के देश छोड़कर जाने पर रोक लग गई है। बताया जा रहा है कि मनीष सिसोदिया के साथ ही 13 अन्य लोगों के खिलाफ भी लुकआउट सर्कुलर जारी किया गया है। इससे पहले मनीष सिसोदिया के करीबियों से सीबीआई पूछताछ कर चुकी है। साथ ही जांच एजेंसी ने करीब 15 घंटे तक उनके घर की तलाशी भी ली थी। जान लें कि सीबीआई ने दिल्ली आबकारी नीति लागू करने के दौरान भ्रष्टाचार के कथित मामले में शनिवार को पूछताछ शुरू की और तीन आरोपियों के बयान दर्ज किए। सीबीआई के अधिकारियों ने कहा कि दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया के आवास सहित 31 जगहों पर की गई छापेमारी के दौरान जब्त दस्तावेजों की एजेंसी जांच कर रही है। सीबीआई द्वारा दर्ज एफआईआर में मनीष सिसोदिया सहित 15 लोगों के नाम हैं।
फॉरेन फंडिंग केस में एफआईए ने इमरान और पीटीआई पर कसा शिकंजा, होगी गिरफ्तारी
पाकिस्तान मीडिया ने शनिवार को बताया कि पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान को देश की शीर्ष जांच एजेंसी एफआईए द्वारा गिरफ्तार किया जा सकता है, क्योंकि प्रतिबंधित फंडिंग मामले में जारी 2 नोटिस का पीटीआई चेयरमैन की ओर से कोई जवाब नहीं दिया गया है। पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ प्रमुख ने शुक्रवार को संघीय जांच एजेंसी द्वारा जारी दूसरे नोटिस की अनदेखी की। द न्यूज की एक रिपोर्ट में कहा गया है कि खान ने पिछले बुधवार (10 अगस्त) को पहला नोटिस जारी होने के बाद जांच दल के सामने पेश होने से इनकार कर दिया था। फेडरल इन्वेस्टिगेशन एजेंसी में उच्च पदस्थ सूत्रों के हवाले से रिपोर्ट में कहा गया है, इमरान खान को गिरफ्तार करने का अंतिम फैसला तीन नोटिस जारी करने के बाद लिया जा सकता है। सूत्रों के हवाले से द न्यूज की रिपोर्ट में कहा गया है कि एफआईए ने 5 और कंपनियों का पता लगाया, जो संयुक्त राज्य अमेरिका, ऑस्ट्रेलिया, कनाडा, ब्रिटेन और बेल्जियम में काम कर रही हैं। ये कंपनियां इमरान खान की पार्टी को फंडिंग कर रही थीं और पाकिस्तान के चुनाव आयोग को सौंपी गई रिपोर्ट में इसका उल्लेख नहीं किया गया था।
वायरस: कांगो में फिर इबोला का तांडव, 2 महीने बाद मिले 4 मरीज, चारों की मौत
किंशासा। कांगो लोकतांत्रिक गणराज्य-डीआरसी के हिंसाग्रस्त पूर्वी इलाके के उत्तरी किवु प्रांत में इबोला वायरस का खतरा एक बार फिर सामने आया है। इस इलाके में इबोला वायरस के संदिग्ध मामले की जांच की जा रही है। पिछली इबोला वायरस महामारी के अंत की घोषणा के कुछ हफ्ते बाद ही विश्व स्वास्थ्य संगठन ने अब इबोला वायरस का नया प्रकोप शुरू होने की आशंका जताई है। डीआरसी ने पिछले महीने की शुरुआत में अपने देश से इबोला महामारी के अंत की घोषणा की थी। जबकि दो महीने के बाद ही उत्तर-पश्चिमी भूमध्य रेखा के करीब के प्रांत में इबोला वायरस फिर से उभरा है। डब्ल्यूएचओ ने कहा कि इबोला के चार पुष्ट मामले और एक संदिग्ध मामला सामने आया है। जिनमें से सभी की मृत्यु हो गई है। डब्ल्यूएचओ के मुताबिक 1976 में जब से इस बीमारी की खोज की गई, यह इस देश में इबोला वायरस का 14 वां प्रकोप है।
Rani Sahu

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