सम्पादकीय

आबादी के संकट

Subhi
16 July 2022 6:36 AM GMT
आबादी के संकट
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चीन जो दुनिया का सबसे बड़ी जनसंख्या वाला देश होने के बावजूद प्रौद्योगिकी और अन्य क्षेत्रों में हमसे कैसे आगे है, इस पर भारत को मंथन जरूर करना चाहिए। अभी चीन दुनिया में आबादी के मामले में शीर्ष पर है

Written by जनसत्ता: चीन जो दुनिया का सबसे बड़ी जनसंख्या वाला देश होने के बावजूद प्रौद्योगिकी और अन्य क्षेत्रों में हमसे कैसे आगे है, इस पर भारत को मंथन जरूर करना चाहिए। अभी चीन दुनिया में आबादी के मामले में शीर्ष पर है, लेकिन बुजुर्ग आबादी बढ़ने के कारण अब चीन सरकार ने तीन बच्चों की नीति को हरी झंडी दे दी है। लेकिन वहां की बहुत-सी महिलाओं ने इसे नकारा भी है, क्योंकि ऐसी महिलाओं के अनुसार ज्यादा बच्चे पैदा होने से वो अपने बच्चों की परवरिश अच्छी तरह नहीं कर पाएंगी और न अपना भविष्य बना पाएंगी। लेकिन संसाधनों और दूसरे सामाजिक-आर्थिक संदर्भों में देखें तो तीन बच्चों की नीति का फैसला उचित नहीं है।

संयुक्त राष्ट्र के आर्थिक एवं सामाजिक मामलों के विभाग ने एक रिपोर्ट में खुलासा किया है कि अगले 30 वर्षों में विश्व की जनसंख्या दो अरब तक बढ़ने की संभावना है। इसमें यह भी बताया गया है कि अगले लगभग आठ वर्षों में भारत, चीन को जनसंख्या के मामले में भी पछाड़ कर जनसंख्या के मामले में दुनिया में नंबर एक बन सकता है, लेकिन अगर भारत सरकार और देश का आमजन, वो भी हर धर्म का देश की बढ़ती जनसंख्या वृद्धि को रोकने के लिए गंभीरता दिखाए तो भारत जनसंख्या वृद्धि के मामले में आगे नहीं बढ़ पाएगा।

बढ़ती आबादी ने देश में बहुत-सी समस्याओं को जन्म दिया है, कुछ गरीबों का गरीबी के दलदल से बाहर न निकलना, उनका अपनी हैसियत से एक या दो बच्चों से ज्यादातर बच्चे पैदा करना भी गरीबी का बड़ा कारण रहा है। बढ़ती आबादी के दुष्परिणामों को देखते हुए युवा पीढ़ी को इसके लिए गंभीरता दिखानी होगी, इन्हें समझदारी दिखाते हुए एक या दो बच्चों की नीति पर अमल करना होगा, तभी भविष्य में देश बहुत सी समस्याओं से मुक्त होगा, प्राकृतिक संसाधनों का दोहन रुकेगा।


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