- Home
- /
- अन्य खबरें
- /
- सम्पादकीय
- /
- जनसंख्या की चिंता
अपने देश में क्षेत्रफल के मामले में चौथे स्थान पर और आबादी में अव्वल उत्तर प्रदेश ने अगर जनसंख्या नीति 2021-30 का एलान किया है, तो यह हर तरह से स्वागतयोग्य और अनुकरणीय है। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने रविवार को विश्व जनसंख्या दिवस के मौके जनसंख्या नीति का एलान कर जिस गंभीरता का एहसास कराया है, उसके आलोक में उत्तर प्रदेश अपना भविष्य संवार सकता है। मुख्यमंत्री ने दोटूक स्वीकार किया है कि बढ़ती आबादी विकास की राह में बाधक हो सकती है और इस पर समय-समय पर चिंता का इजहार होता रहा है। हालांकि, कुछ विशेषज्ञ होंगे, जो यह मानेंगे कि आबादी विकास का कारण भी बन सकती है, लेकिन आम तौर ज्यादातर विशेषज्ञ भारत की जमीनी हकीकत के मद्देनजर यही बताएंगे कि जरूरत से ज्यादा आबादी किसी भी राज्य के पांव में बेड़ियां डाल सकती है। उत्तर प्रदेश के साथ यही होता आ रहा है। बढ़ती आबादी ने राज्य के संसाधनों पर जरूरत से ज्यादा दबाव बना रखा है। खासकर दक्षिण भारत के जिन राज्यों ने बेहतर जनसंख्या नीति को अंजाम तक पहुंचाया है, वह आज लाभ देख रहे हैं। उत्तर प्रदेश को भी आगामी दस वर्षों में विकास के मोर्चे पर तेजी से आगे बढ़ते हुए आबादी को संभालना होगा।