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- एमएसपी पर सियासत
किसानों की फसलों के न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) को कानूनी गारंटी दी जाएगी अथवा नहीं, इसका जवाब भारत सरकार ही दे सकती है, लेकिन किसान आंदोलन के समाप्त होने और पांच राज्यों में चुनाव सम्पन्न होकर सरकारें बन जाने के बाद भी सरकार का रवैया टालू रहा है। केंद्रीय कृषि सचिव और कुछ किसानों के बीच आखिरी फोनिक संवाद 30 मार्च को हुआ था। उसके बाद लंबी खामोशी का सन्नाटा है। आंदोलन खत्म हुए भी करीब 5 महीने बीत चुके हैं, लेकिन प्रधानमंत्री मोदी के आश्वासन के बावजूद अभी तक कमेटी का गठन ही नहीं किया गया है। कमेटी बनेगी, तो वही एमएसपी के कानूनी दरजे पर विमर्श करेगी। सरकार की वादाखिलाफी की प्रतिक्रिया में अब किसान और एमएसपी पर नई राजनीति शुरू हो गई है। इस बार तेलंगाना के मुख्यमंत्री चंद्रशेखर राव, दिल्ली के मुख्यमंत्री केजरीवाल और उनकी ही पार्टी 'आप' के पंजाब मुख्यमंत्री भगवंत मान किसानों को नए आंदोलन के लिए उकसा रहे हैं। किसान आंदोलन की आड़ में सियासत का खेल जारी है। चंद्रशेखर हैदराबाद से उड़कर पंजाब के चंडीगढ़ में पहुंचे। उन्होंने किसानों का आह्वान किया कि इस बार आंदोलन तब तक चलना चाहिए, जब तक किसानों को उनकी फसलों का लाभकारी मूल्य सुनिश्चित नहीं हो जाता और एमएसपी की संवैधानिक गारंटी नहीं दी जाती। तेलंगाना के मुख्यमंत्री ने किसानों को उनकी ताकत का आभास कराया कि वे देश की सरकार को भी बदल सकते हैं।
सोर्स- divyahimachal