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- तेल पर पीएम बनाम सीएम
मुद्दा था कोरोना वायरस के विस्तार की आशंकाओं का। प्रधानमंत्री मोदी वीडियो संवाद के जरिए मुख्यमंत्रियों को संबोधित कर रहे थे और सतर्कता बरतने की अपील कर रहे थे। यह संवाद कोरोना संक्रमण पर ही समाप्त होना चाहिए था, लेकिन प्रधानमंत्री ने पेट्रोल-डीजल के अर्थशास्त्र की ओर विषय मोड़ दिया। प्रधानमंत्री पहली बार पेट्रो पदार्थों की महंगाई और आम नागरिक की तकलीफों पर बोले। जब तेल के दाम हररोज़ बढ़ाए जा रहे थे, तब देश की समूची सत्ता खामोश सन्नाटे में थी। अतिरिक्त राजस्व और कर से सभी के राजकोष भरे जा रहे थे। आम आदमी की जेब पर लगातार डाके डाले जा रहे थे। अचानक प्रधानमंत्री मोदी संवेदनशील हो गए और आम नागरिक के अन्याय के प्रति सरोकार जताने लगे। हम याद दिला दें कि नवंबर, 2021 में भारत सरकार ने तेल पर उत्पाद शुल्क घटाने का निर्णय लिया था, क्योंकि पांच राज्यों में विधानसभा चुनाव थे। भाजपा की ही सत्ता दांव पर थी। घटने के बावजूद प्रति लीटर पेट्रोल पर 27.90 रुपए और डीजल पर 21.80 रुपए उत्पाद शुल्क था। आज भी यही है। केंद्र सरकार ने राज्य सरकारों को भी टैक्स कम करने का आग्रह किया था, ताकि आम आदमी तक फायदा पहुंचाया जा सके।
क्रेडिट बाय दिव्याहिमाचली