सम्पादकीय

PKL 2021-22: दबंग दिल्ली ने इस बार दिखाया दम, कई सूरमा संघर्ष करते दिखे, नए चेहरे छा गए

Rani Sahu
2 Jan 2022 1:38 PM GMT
PKL 2021-22: दबंग दिल्ली ने इस बार दिखाया दम, कई सूरमा संघर्ष करते दिखे, नए चेहरे छा गए
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प्रो कबड्डी लीग (Pro Kabaddi League) के सीजन आठ की शुरुआत तकरीबन दो साल के फासले से हुई

संजय बैनर्जी प्रो कबड्डी लीग (Pro Kabaddi League) के सीजन आठ की शुरुआत तकरीबन दो साल के फासले से हुई, लेकिन लगता है कि इस फासले ने लीग के स्तर को और मजबूत बनाया है. आपसी प्रतिद्वंदिता और सघन हुई है, अब टीमों की नजर खिताब पर तो है ही, लेकिन उससे पहले हर मुकाबले पर है. अब तक खेले गए 27 मुकाबलों मे से 7 टाई पर खत्म हुए हैं, यानि एक चौथाई से ज्यादा मुकाबले टाई रहे हैं. इन परिणामों से कबड्डी खिलाड़ियों और टीमों के लगातार परिपक्व होने का संकेत मिलता है. मैच जीतने पर लीग मे अगर 5 पॉइंट मिलते हैं तो टाई के लिए तीन. जाहिर है, उन पॉइंट्स को कोई भी गंवाना नहीं चाहता, इसलिए टीमे मुकाबलों का अंत दम-खम से नहीं बल्कि सूझ बूझ से करना ही बेहतर समझती हैं.

शनिवार को लीग मे ट्रिपल हेडर होता है, यानि एक दिन मे तीन मुकाबले. कल तो गजब हो गया जब यह तीनों मैच टाई पर खत्म हुए. इससे पहले प्रो कबड्डी (PKL 2021-22) के लंबे इतिहास में एक बार सीजन 5 मे ऐसा हुआ है, जब लगातार तीन मुकाबले टाई पर खत्म हुए हैं. इससे पहले लीग मे कभी भी एक दिन मे दो से ज्यादा मैच नहीं खेले जाते थे, पहली बार एक दिन मे तीन मुकाबले हुए, और तीन के तीनों टाई पर खत्म! 12 मे से 6 टीमे अब आपस मे पांच-पांच मैच खेल चुकी हैं, जबकि बाकी 6 ने चार-चार मुकाबले खेले हैं. पिछली बार के रनर्स अप दबंग दिल्ली (Dabang Delhi) अब तक अविजित हैं, और 21 पॉइंट्स के साथ पॉइंट्स टेबल के टॉप पर हैं. दिल्ली ने अब तक दो मैच टाई खेले हैं. बीती रात तमिल थलाइवाज (Tamil Thalaivas) से बड़ी मुश्किल मे दिल्ली ने टाई खेला, अन्यथा दबंगों पर पहली शिकस्त ने दस्तक दे ही दी थी.
तेलगू टाइटन्स को पहली जीत की तलाश
दिलचस्प यह भी की पिछले लगातार तीन सीजन मे लीग के सबसे निचले पायदान पर काबिज रहने वाली तमिल थलाइवाज की टीम फिलहाल 5 मे से तीन टाई मुकाबलों के चलते पहले 6 स्थानों पर काबिज है. बाहुबली सिद्धार्थ देसाई और रोहित कुमार की टीम तेलगू टाइटन्स (Telugu Titans) इस समय ऐसी इकलौती टीम है, जिसे पहली जीत की तलाश है. पवन सेहरावत की बेंगलुरु बुल्स (Bengaluru Bulls) अभी दूसरे पायदान पर है, जबकि प्रदीप नरवाल की यूपी योद्धा और सुल्तान फजल अत्राचाली की यू मुंबा फिलहाल टॉप 6 पर काबिज है. प्लेऑफ से पहले प्रत्येक टीम को 22-22 मैच खेलने है, उस लिहाज से अभी लंबा सफर बाकी है. जो ट्रेंड उभर कर सामने आ रहे हैं उसमे एक बात साफ है कि प्रो कबड्डी के कई सूरमा फिलहाल संघर्ष करते दिखाई दे रहे हैं. हर बार की तरह कुछ नए अनजान से चेहरे उभरकर सामने आ रहे हैं.
दबंग दिल्ली के नवीन कुमार ने मचाया कोहराम
अगर सिर्फ एक खिलाड़ी चुनना हो जो अपने नाम के अनुरूप खेल रहा है, तो शायद दबंग दिल्ली के नवीन कुमार ही हैं. नवीन ने अब तक 5 मैचों मे 81 रेड पॉइंट्स हासिल किए हैं. दिल्ली के सबसे युवा और सबसे कम तजुर्बे वाले खिलाड़ी नवीन कुमार ने कल प्रो कबड्डी मे अपना 50वां मुकाबला खेला, नवीन हर मैच 16 से ज्यादा पॉइंट्स बना रहे हैं, जो उनके बेहद स्विफ्ट स्टान्स, आत्म विश्वास और फूटवर्क को दर्शाता है. नवीन के यह पॉइंट्स प्रो-कबड्डी के इतिहास मे पहले 5 मैचों मे किसी भी रेडर के बनाए गए पॉइंट्स की तुलना मे सबसे ज्यादा है. बंगाल वॉरियर्स ने सीजन सात मे नवीन की दबंग दिल्ली को हराकर खिताब पर कब्जा किया था. उस समय नवीन की रोते हुए तस्वीरें आज भी लोगों के जहन मे हैं, शायद इसीलिये इस बार नवीन बंगाल के खिलाफ जम कर बरसे और एक मैच मे सबसे ज्यादा पॉइंट्स बनाने का अपना रिकॉर्ड भी बेहतर कर लिया.
बेंगलुरु बुल्स को अपने कप्तान पवन सहरावत से आस
बेंगलुरु बुल्स के पवन सहरावत पिछले दो सीजन मे सबसे ज्यादा पॉइंट्स बनाने वाले रेडर हैं, इस बार भी ठीक ठाक चल रहे हैं, लेकिन नवीन फिलहाल उन पर भारी दिखाई देते हैं. इन दोनों सुपर स्टार्स की टीमों की सबसे बड़ी परेशानी इन पर पूरी तरह से निर्भरता है. दबंग दिल्ली ने अब तक रेडिंग मे जितने पॉइंट्स लिए है, उनका 75 फीसदी सिर्फ नवीन ने बनाए हैं. ऐसे में यदि इस लंबी लीग मे किसी समय यह खिलाड़ी आउट ऑफ फॉर्म हुए या किसी चोट ने इन्हे परेशान किया तो फिर टीम का सफर वहीं धूल धुसरित हो जाएगा. किसी एक खिलाड़ी पर इतनी निर्भरता कतई ठीक नहीं है. पवन सेहरावत का साथ देने के लिए तो चंद्रन रंजीत है, लेकिन नवीन के साथ विजय मलिक के अलावा और कोई नहीं, विजय भी निरन्तरता नहीं दिखा पा रहे हैं. ऐसे मे इन टीमों को अपने बैकअप प्लान पर ध्यान रखना होगा.
डिफेंडिंग चैंपियन बंगाल वॉरियर्स का हुआ बुरा हाल
चौंकाने वाला हाल डिफेंडिंग चैंपियन बंगाल वॉरियर्स का भी है, जिनकी शुरुआत सॉलिड रही, पहले दो मैच शानदार तरीके से जीते, लेकिन फिर ग्रहण लग गया. न सिर्फ बाद के तीनों मैच हारे बल्कि बड़े फासले से हारे और यह बंगाल को पसंद करने वाले कबड्डी दीवानों को रास नहीं आ रहा है. मनिंदर सिंह अपना काम बखूबी कर रहे हैं, और 5 मैचों से 12 के औसत से अब तक 60 पॉइंट्स लेकर तीसरे नंबर पर हैं, लेकिन टीम का डिफेंस बेहद कमजोर दिखता है, और अभी भी सेटल नहीं हो पाया है. मनिन्दर के अलावा थोड़ा बहुत नबीबक्श ने प्रभावित किया है, बाकी कोई भी छाप नहीं छोड़ पाया है.
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प्रदीप नरवाल का लगातार संघर्ष करना, प्रो कबड्डी के इस सदाबहार रेडर की आन बान शान के खिलाफ है. हकीकत यही है 1200 रेड पॉइंट्स पर दस्तक दे चुके प्रदीप इतिहास के इकलौते रेडर हैं. हालांकि इस सीजन में प्रदीप अभी सिर्फ 38 रेड पॉइंट्स के साथ नौवें स्थान पर हैं. प्रदीप के बिना पटना पायरेट्स तो बेहतर कर रही है, लेकिन प्रदीप का यूपी योद्धा को खास साथ नहीं मिल पा रहा है. पटना ने तीन मध्यम स्तर के रेडर्स को टीम में लिया है और वह ठीक ठाक कर रहे हैं. कुछ नए रेडर्स ने अपनी क्षमता से बढ़कर प्रदर्शन किया है. जयपुर पिंक पेंथर्स के अर्जुन देशवाल लगातार चार मैचों मे सुपर टेन लगाकर अपनी सार्थकता साबित कर चुके है. दिल्ली के नवीन कुमार के अलावा वह अकेले ऐसे खिलाड़ी हैं जिन्होंने प्रति मैच एक सुपर टेन लगाया है.
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यू मुंबा के अभिषेक सिंह और वी अजीथ कुमार भी टॉप टेन मे काबिज हैं. जहां तक डिफेंस का सवाल है ईरान के मोहम्मद रेज़ा चिया ने पहला सीजन खेलते हुए प्रोमिस दिखाया है, लेकिन पिछले मैच मे मनींदर ने उन्हें बार-बार आउट किया, यह अलग बात है बाद में मैच जीता पटना ने और वह भी बड़े फासले से. पुराने डिफेंडर्स मे सुरजीत सिंह और जोगिंदर नरवाल टॉप 5 मे बने हुए हैं. जबकि यूपी के सुमित कल यू मुंबा के खिलाफ शानदार प्रदर्शन से टॉप पर आ गए हैं. जयदीप और सागर भी डिफेंस मे बेहतर कर रहे हैं. बहरहाल 8वां सीजन अभी शुरुआती दौर में है, आने वाले दिनों मे बड़े परिवर्तन देखने को मिल सकते हैं. लेकिन बड़े सितारों के लिए यह सीजन कतई आसान नहीं होगा, यह तय है.

Rani Sahu

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