सम्पादकीय

प्रसव के 10 दिन बाद मरीज की हालत बिगड़ी, परिजनों ने डॉक्टर पर लगाया इलाज में लापरवाही बरतने का आरोप

Rani Sahu
9 July 2022 10:54 AM GMT
प्रसव के 10 दिन बाद मरीज की हालत बिगड़ी, परिजनों ने डॉक्टर पर लगाया इलाज में लापरवाही बरतने का आरोप
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जमशेदपुर का एमजीएम अस्पताल एक बार फिर सुर्खियों में है

JAMSHEDPUR : जमशेदपुर का एमजीएम अस्पताल एक बार फिर सुर्खियों में है. यहां गायनिक वार्ड में इलाजरत आदित्यपुर-2 श्रीडुंगरी निवासी निर्मला देवी की प्रसव के 10 दिन बाद हालत बिगड़ने लगी. प्रसव के बाद जहां टांके लगाए गए थे वहां से खून बहता जा रहा था. हालत बिगड़ने पर जब निर्मला के परिजनों ने डॉक्टर को रेफर करने को कहा तो उन्होंने रेफर करने से भी मना कर दिया. निर्मला के पति दीपू ने बताया कि पत्नी को प्रसव पीड़ा के बाद 24 जून को अस्पताल में भर्ती कराया गया था. 25 जून को ऑपरेशन से प्रसव किया गया. इस बीच उसे गायनिक वार्ड से यूनिट-1 में रखा गया. पत्नी का इलाज डॉ शिखा रानी की देखरेख में हो रहा था. 6 जुलाई को डॉक्टर शिखा रानी और जुनियर डॉक्टर के बीच निर्मला के शरीर में लगाए गए टांके को लेकर विवाद हो गया. डॉ शिखा रानी अपनी जुनियर डॉक्टर को यह कह रही थी कि उसने गलत तरिके से टांके लगा दिए है जिस कारण इंफेक्शन हो गया है. इसके बाद उसे मामले की जानकारी हुई. उसने तुरंत डॉक्टर से पत्नी को रेफर करने को कहा पर डॉक्टर उसे रेफर करने को तैयार नहीं है. इस मामले में अस्पताल के उपाधीक्षक नकुल चौधरी ने बताया कि आजकल स्टीच इंफेक्शन आम हो चला है. हालांकि उन्हें मामले की जानकारी नहीं है और वह किसी काम से बाहर है. वे रविवार को लौटकर मामले की जानकारी लेंगे. अगर मरीज के परिजन उसे रेफर करवाना चाहते है तो उसे रेफर कर दिया जाएगा.


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