सम्पादकीय

संक्रमण का विस्फोट

Rani Sahu
6 Jan 2022 6:40 PM GMT
संक्रमण का विस्फोट
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आशंका के अनुरूप कोरोना महामारी का प्रकोप फिर तेज हो गया है

आशंका के अनुरूप कोरोना महामारी का प्रकोप फिर तेज हो गया है, लेकिन लापरवाही के जो नमूने पेश हो रहे हैं, उनकी कड़े शब्दों में निंदा होनी चाहिए। ताजा लापरवाही तो निंदनीय ही नहीं, अक्षम्य भी है। इटली से अमृतसर पहुंची एक फ्लाइट में कोरोना का विस्फोट सामने आया है। फ्लाइट में कुल 179 यात्रियों में से 125 यात्री संक्रमित पाए गए हैं। यह अपनी तरह का अकेला मामला है, जब इतने बड़े पैमाने पर कोरोना रोगी यात्रा करते पाए गए हैं। गौर करने की बात है कि इटली दुनिया के उन शुरुआती देशों में शामिल था, जहां कोरोना ने सबसे पहले कहर बरपाया था। अभी इटली में भी कोरोना ने तगड़ी वापसी की है। मंगलवार को छह करोड़ से भी कम आबादी वाले देश इटली में रिकॉर्ड 1,70,844 नए मामले सामने आए हैं, मतलब इटली का कोरोना से बहुत बुरा हाल है। ऐसे में, वहां से भारत के लिए हवाई सेवा को कैसे मंजूरी दी जा सकती है? साफ है, इटली में विमान यात्रा से पहले यात्रियों को जांच से नहीं गुजरना पड़ा है। वह तो भला हो कि अमृतसर में यात्रियों के उतरते ही जांच हुई और सभी को क्वारंटीन कर दिया गया। इटली प्रशासन की कोताही पर आधिकारिक रूप से आपत्ति जतानी चाहिए और विमान सेवा चला रही कंपनियों को भी कठघरे में खड़ा करना चाहिए।

केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार, इटली जोखिम वाले देशों में शामिल है, इसलिए कोरोना प्रोटोकॉल के तहत 160 यात्रियों का कोरोना टेस्ट किया गया, जिसमें 125 कोरोना संक्रमित पाए गए। कोरोना लेकर आया यह विमान बीच रास्ते में जॉर्जिया की राजधानी टिब्लिसी में ईंधन भरवाने उतरा था। यह चार्टर उड़ान पुर्तगाली कंपनी यूरोअटलांटिक एयरवेज द्वारा संचालित है, इससे संकेत मिलता है कि ज्यादातर निजी विमानन कंपनियां सुरक्षा मानदंडों को ताक पर रखकर कमाई करने में जुटी हैं। लापरवाह कंपनियों की सेवा को तत्काल प्रभाव से रोकना चाहिए। उन तमाम देशों से उड़ानों की समीक्षा करनी चाहिए, जहां से कोरोना भारत आ सकता है। अगर पूरी तरह से सेवा को न रोका जाए, तो कम से कम उन्हीं यात्रियों को विमान में चढ़ने की इजाजत दी जाए, जो संक्रमित न हों। अमृतसर की घटना सबक है, तमाम हवाई अड्डों पर चौकसी बढ़ा देनी चाहिए। हम कोरोना दिशा-निर्देशों से समझौता नहीं कर सकते। अच्छी चिकित्सा व्यवस्था वाले देशों में भी लोग लापरवाही बरत रहे हैं, लेकिन यह खतरा हम नहीं उठा सकते।
भारत में भी आए दिन कोरोना मामलों का रिकॉर्ड टूट रहा है। अब एक दिन में 90 हजार से ज्यादा मामले सामने आने लगे हैं और मामलों की बढ़ोतरी दर प्रतिदिन बढ़ रही है। गनीमत है कि अभी जान गंवाने वालों की संख्या ज्यादा नहीं है और हर प्रकार से कोशिश करनी चाहिए कि स्थितियां दूसरी लहर जैसी न हों। मरीजों की संख्या बढ़ी है, लेकिन अस्पतालों पर अभी दबाव नहीं है। केंद्र सरकार भी राज्य सरकारों को लगातार निर्देशित कर रही है, विशेषज्ञों की सलाह पर चलना समय की मांग है। कोरोना जांच की सुविधाओं को सरकारी स्तर पर बढ़ाना जरूरी है, निजी क्षेत्र जब जांच के व्यवसाय में सक्रिय हो गया है, तब आंकड़े साफ तौर पर सामने नहीं आ रहे हैं। कदम-कदम पर सचेत रहते हुए ही हम सबको सुरक्षित रख सकते हैं। यह संक्रमण से बचाव के लिए यथोचित कड़ाई का समय है।

हिन्दुस्तान

Rani Sahu

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