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अनाज, नून-तेल और दाल-सब्जी के भाव तो पहले ही बढ़ गए थे, अब रसोई गैस की वजह से आपका भोजन एक बार फिर महंगा होने जा रहा है। रसोई गैस सिलेंडर के दाम में 50 रुपये की वृद्धि कर दी गई है। पिछले एक साल से इसकी कीमत लगातार बढ़ रही है। इस दौरान इसके दाम 834 रुपये से बढ़कर 1053 रुपये हो गए हैं। यानी 26 फीसदी से भी ज्यादा की बढ़ोतरी। कुछ तो रूस-यूक्रेन युद्ध के कारण और कुछ कोविड महामारी के अब तक चले आ रहे असर की वजह से विश्व बाजार में पेट्रोल की कीमतें जिस तरह से बढ़ रही हैं, उसका असर देर-सवेर भारतीय उपभोक्ताओं की जेब पर पड़ना ही था। महंगाई के इस दौर को कुछ अर्थशा्त्रिरयों ने आयातित मुद्रास्फीति भी कहा है, यानी ऐसी महंगाई, जिसका असर घरेलू कारकों से कम, अंतरराष्ट्रीय बाजार के दबाव से ज्यादा हो। ऐसा भी नहीं है कि महंगाई सिर्फ भारत में बढ़ रही है, यह दुनिया भर में बढ़ रही है। विकसित देशों में भले ही इसका प्रतिशत इतना न हो, लेकिन वहां यह पिछले कई बरस के रिकॉर्ड तोड़ रही है। अगर भारत के पड़ोसी देशों को देखें, तो वहां बढ़ती महंगाई राजनीतिक अस्थिरता पैदा करने की हद तक पहंुच गई है।