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- सियासत की नई...
दिल्ली-पंजाब की हवाओं के बाद हिमाचल में राजनीति का नया सीजन ढूंढ रही आप पार्टी के लिए छह अप्रैल महज एक रैली का उद्घोष नहीं, बल्कि हिमाचली मुद्दों की बिसात को बदलना भी है। हिमाचल रिजनल अलायंस का गठजोड़ खड़ा कर रहे डा. राजन सुशांत भी पिछले काफी समय से चुनावी घोड़ों के लिए मुद्दों की काठियां बना रहे हैं, लेकिन केजरीवाल की दो टूक सियासत का सामना करने के लिए उन्हें भी अब नई प्रश्नमाला खड़ी करनी पड़ेगी। राजनीति अब तक अपनी वर्णमाला पर चल रही थी, लेकिन अब नई प्रश्नमाला के जरिए आमना-सामना होगा। दिल्ली के बाहर और पंजाब के भीतर पहुंची आप के लिए हिमाचल एक नई सियासी चरागाह है, तो इसके साथ संयुक्त पंजाब के कई प्रश्न मुंहबाए खड़े हैं। इसी का हवाला देते हुए सुशांत बीबीएमबी का मसला उठा रहे हैं। पंजाब पुनर्गठन की लेनदारी में वह केजरीवाल से पंद्रह हजार करोड़ मांग रहे हैं, हालांकि इससे कहीं अलग मुख्यमंत्री भगवंत मान पहले ही कंेद्र के पास झोली फैला कर विशेष पैकेज मांग चुके हैं।
क्रेडिट बाय दिव्याहिमाचली