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- चुनावी पहेलियों के नए...
मिशन रिपीट की चक्की में अति महीन पीसते हुए हिमाचल भाजपा की रणनीति अपने विरोधियों को चित करने का हर तरीका अख्तियार करते हुए दिखाई देती है। हमीरपुर की सियासी कर्मभूमि में फिर से जीत का संकल्प उगाते हुए भाजपा ने बाकायदा एक रोडमैप तैयार कर लिया है और जहां जंग का नया हुलिया अभ्यास करता हुआ दिखाई देता है। भाजपा ने खुद को जीत के आगोश में बैठा कर वे तमाम सदमे भूलने की कोशिश भी की है, जो अकसर सत्ता पक्ष की खामियां बढ़ा देते हैं। इसे हम भाजपा का सकारात्मक पक्ष भी कह सकते हैं कि पार्टी अपनी तमाम भूल भुलैया को दरकिनार करते हुए, नया आसमान चीरने का संकल्प ले रही है। कम से कम पार्टी अपने हमीरपुर मंथन से आश्वस्त होकर न तो पिछले उपचुनावों की शिकस्त को सिर पर सवार होने देना चाहती है और न ही अपनी सरकार के विरोध में पैदा हुई हवाओं से खौफजदा होने की कोई वजह ढूंढ रही है, बल्कि अपने मुकाबले के सामने कांग्रेस को संगठनात्मक चुनौती दे रही है। भाजपा यह कह रही है कि उसकी जड़ें अगर मजबूत हैं, तो अब और गहरे तक जाएंगी। पार्टी ने मिशन रिपीट को नया अर्थ देते हुए यह संकेत भी दे रही है, 'जिन खोजा तिन पाइया, गहरे पानी पैठ'। यानी भाजपा अपने आत्मविश्वास और मनोबल के रास्ते सारे विरोध को पस्त करने के लिए संगठन मजबूत करते हुए एक साथ कई दुर्ग खड़े कर रही है और जहां युद्ध की पताका मतदाता सूची के हर पन्ने पर फहराते हुए हर मतदाता से विमर्श करेगी।
By: divyahimachal