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- देवभूमि की दहलीज पर...
'मजहब जब दिलों से निकल कर दिमाग पर चढ़ जाता है तो जहर बन जाता है' – यह तहरीर मशहूर लेखक 'सआदत हसन मंटो' की है। भारत दुनिया के सबसे बडे़ लोकतांत्रिक देशों में शुमार करता है, मगर विडंबना है कि मुल्क की रियासत ज्यादातर जाति व मजहब की सदारत ढूंढती है। हमारे देश के कई सियासी रहनुमा किसी भी घटना को मजहबी रंग देने में माहिर हैं। इसी कारण देश में घटित होने वाली ज्यादातर घटनाओं के पीछे मजहबी जुनून सवार होता है। जबकि राष्ट्र व राष्ट्रनीति राजनीति से ऊपर होने चाहिए। देश की समृद्धि, संपन्नता व मानवता के लिए नासूर बन चुके आतंकवाद जैसे संवेदनशील मसले पर राष्ट्रनीति स्पष्ट व सटीक होनी चाहिए। राष्ट्रवाद को समर्पित सैन्य बहुल राज्य हिमाचल प्रदेश के रणबांकुरों का सैन्य पराक्रम किसी तारूफ का मोहताज नहीं है। भारतीय सेना के शौर्य का हर 10वां वीरता पदक वीरभूमि के सपूतों के सीने पर सुशोभित है। अपने रणबांकुरों के शौर्य पराक्रम पर हर हिमाचली फक्र महसूस करता है। इसीलिए हिमाचल को वीरभूमि कहा जाता है