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- भारत में जनसंख्या...
भारत की जनसंख्या लगातार बढ़ रही है। एक बेवसाइट वर्ल्ड मीटर के अनुसार भारत की जनसंख्या एक अरब 39 करोड़ के लगभग है और इसका क्षेत्रफल 32.87 लाख वर्ग किलोमीटर है। भारत की जनसंख्या हर दस साल में 17.64 फीसदी की दर से बढ़ रही है जो पहले दस साल में 21.54 फीसदी की दर से बढ़ रही थी। जनसंख्या वृद्धि दर में कमी अवश्य आई है, लेकिन इसे और कम करने की आवश्यकता है। क्षेत्रफल के हिसाब से यह जनसंख्या बहुत अधिक है। वर्ल्ड मीटर के अनुसार 2022 में चीन की जनसंख्या लगभग 144 करोड़ है, जबकि इसका क्षेत्रफल 95 लाख वर्ग किलोमीटर है। इस हिसाब से देखें तो चीन का क्षेत्रफल भारत के क्षेत्रफल का लगभग तीन गुणा है। क्षेत्रफल के हिसाब से देखें तो भारत की जनसंख्या बहुत अधिक है। हालांकि भारत की भौगोलिक परिस्थितियां चीन से बेहतर हैं। इसी तरह अमेरिका का क्षेत्रफल लगभग 98 लाख वर्ग किलोमीटर है और जनसंख्या लगभग 34 करोड़ है। एक अनुमान के अनुसार यदि हमारे देश भारत की जनसंख्या की वृद्धि दर इसी तरह रही तो 2027 तक भारत जनसंख्या के मामले में चीन को पीछे छोड़ देगा। अब सवाल यह उठता है कि बहुत अधिक जनसंख्या का किसी भी देश पर क्या प्रभाव पड़ता है? जनसंख्या वृद्धि का सीधा असर उस देश के विभिन्न खनिज पदार्थों और कृषि पर पड़ता है। कृषि क्षेत्र तो बढ़ता नहीं और न ही खनिज पदार्थ बढ़ते हैं, इसके विपरीत खनिज पदार्थों का लोगों की जरूरतों को पूरा करने के लिए अत्यधिक मात्रा में दोहन करना पड़ता है। खनिज पदार्थों का दोहन कब तक किया जाए? इसी प्रकार जनसंख्या बढ़ने से कृषि क्षेत्र भी कम हो जाता है। भारत की भूमि इतनी बड़ी जनसंख्या को सहन नहीं कर सकती। अतः जनसंख्या नियंत्रण कानून लागू करना अत्यंत आवश्यक है। भारत की आज़ादी के समय जनसंख्या लगभग 33 करोड़ थी। यह इतनी तेज़ी से बढ़ रही है कि आज हालत ऐसे बन गए हैं कि इस जनसंख्या को नियंत्रित करना समय की मांग है। यदि समय रहते जनसंख्या वृद्धि दर को काबू में कर लिया होता तो आज हमारा देश विकसित नहीं तो आत्मनिर्भर अवश्य बन जाता।
सोर्स- divyahimachal