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महामारी से पहले मैं एक बॉलीवुड अवॉर्ड शो में गया था
एन. रघुरामन । महामारी से पहले मैं एक बॉलीवुड अवॉर्ड शो में गया था, उसमें कपिल शर्मा ने तब नए-नवेले शादीशुदा जोड़े दीपिका और रणवीर से एक अजीब-सा सवाल पूछा कि तैयार होने में कौन ज्यादा समय लेता है। जािहर तौर पर दोनों ने एक-दूसरे की तरफ इशारा किया और किसी ठोस जवाब के बिना कपिल ने चतुराई से उसे अधूरा छोड़ दिया। वो दृश्य मुझे इन दिनों ज्यादा याद आ रहा है क्योंकि मेरी बिल्डिंग के एक फ्लैट में रहने वाले कुछ बैचलर्स कई चीजें होम डिलीवर कराते हैं।
मैं उसी फ्लोर पर रहता हूं और किराएदार होने के कारण उनकी नेमप्लेट नहीं लगी, ऐसे में डिलीवरी बॉय मुझसे उनका नाम पूछते हैं और तब मुझे हाथ में पैकेट दिखते हैं। प्राथमिकता सूची में उन सामानों में पर्सनल केयर, सौंदर्य सामान, कपड़े, जूते, गेमिंग-फिटनेस एक्सेसरीज़, बाहर घूमने का सामान होता है। खाना बुलाते समय वे घर पर होते हैं और दरवाजा भी खुला रखते हैं, तब डिलीवरी बॉय सीधा उनके घर जाता है।
वो दिन गए जब ग्रेजुएशन के दौरान आपको फ्रिक नहीं होती थी कि कैसे दिख रहे हैं, ज्यादा हुआ तो बालों में थोड़ा जैल लगा लेते थे। आज मैं ऐसे पुरुषों को जानता हूं जो आइलाइनर्स लगाते हैं! भरोसा ना हो तो गूगल पर टाइप करें- 'डेविड बैकहम एंड आइलाइनर।' आपका मुंह खुला रह जाएगा। जी हां, पुरुषों की भी अब अपने रोजमर्रा और मनोरंजक जीवन में फैशन को लेकर समझबूझ और बेहतर हो गई है।
पुरुष विशेष उत्पादों के बाजार पर लंबे समय से किसी का ध्यान नहीं था, पर 1990 के बाद जन्मी पीढ़ी के पुरुषों के कारण इसमें जो तेजी आई, उसने उपभोग की बिल्कुल अलग विशेषताओं को बढ़ावा दिया। मैं ऐसे कई लोगों को जानता हूं जो चेहरे और शरीर दोनों पर बराबर खर्चतेेे हैं। क्या आपने कभी चेहरा पतला करने वाले सौंदर्य उपाय सुने हैं, जो चीन या खाड़ी देशों में मिलते हैं? मेल पर्सनल केयर का बाजार 2022 तक 166 बिलियन डॉलर तक पहुंचने का अनुमान है।
आसान शब्दों में कहें तो 'ही इकोनॉमी' 'शी इकोनॉमी' से एक कदम आगे है। फुल टाइम नौकरी पाने के बाद अधिकांश पुरुष अपनी जीवनशैली पर ध्यान दे रहे हैं। आकर्षक दिखने की चाहत अब विश्वव्यापी है। मनोविशेषज्ञों के अनुसार कुछ सामाजिक चीजें जैसे काम का दबाव और दिखने का तनाव पुरुषों को अपनी खर्च करने की आदतों में बदलाव के लिए प्रेरित कर रही हैं।
मैंने युवाओं को कभी भी नुक्कड़ की दुकान पर बाल कटाते नहीं देखा, हमेशा हेयर ड्रेसर के पास ही जाते देखा है, जो यकीनन उस नुक्कड़ वाले से कई गुना महंगे हैं। महिलाओं से तुलना करें तो पुरुष उपभोक्ता पर्सनल केयर या सौंदर्य उत्पादों के बारे में बहुत कम जानते हैं। यही वजह है कि ई-कॉमर्स माध्यम और लाइव स्ट्रीम उन्हें सामान खरीदने से पहले उत्पादों के बारे में ज्यादा जानकारी जुटाने का मौका दे रहे हैं।
यही कारण है कि मैं देख रहा हूं कि बिल्डिंग में रहने वाले बैचलर लड़के ज्यादातर ये सामान अपने घर ई-डिलीवर करा रहे हैं। कोई आश्चर्य नहीं कि चीन-दुबई में इन दिनों 'सिर्फ पुरुषों के लिए' दुकानेें भी हैं। आपको पता है क्यों? इन देशों में सिंगल पुरुष ज्यादा हैं, जो संवरने पर ज्यादा खर्च करते हैं। अनुमान लगाया जा रहा है कि चीन के ये सिंगल्स 2021 के अंत तक सिर्फ पुरुष त्वचा उत्पादों पर 1.55 बिलियन डॉलर खर्च करेंगे। इसलिए 'परफेक्ट डायरी' नाम की चीनी कंपनी ने इस जुलाई में आधिकारिक रूप से पुरुषों की फैशन शृंखला जारी की।
फंडा यह है कि पूरे देश के स्टोर मालिकों को समझना चाहिए कि पुरुष सिर्फ कमाने वाले नहीं, बल्कि अभी अच्छा खर्च करने वाले भी हैं। अगर व्यापार बढ़ाना है तो महिलाओं की तरह उन्हें भी वही महत्व दें।
Rani Sahu
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