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- इन देशभक्तों से मिलिये...
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आप इनके नाम और चेहरों से बखूबी वाक़िफ हैं लेकिन आप यह नहीं जानते-मानते होंगे कि ये बहुत बड़े देशभक्त हैं
आप इनके नाम और चेहरों से बखूबी वाक़िफ हैं लेकिन आप यह नहीं जानते-मानते होंगे कि ये बहुत बड़े देशभक्त हैं। इनके देशभक्त होने की जानकारी राष्ट्रपति पद के प्रत्याशी के श्रीमुख से प्राप्त हुई है। सिन्हा साहब ने जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री फारूख अब्दुल्ला और महबूबा मुफ्ती से वोट की अरदास करने के बाद मीडिया से मुख़ातिब होते हुए बताया कि फारूख साहब और महबूबा साहिबा बहुत बड़े देशभक्त हैं। सिन्हा ने यह भी कहा कि अगर फारूख अब्दुल्ला और महबूबा मुफ्ती देशभक्त नहीं हैं, तो देश में कोई भी देशभक्त नहीं है।
अभी तक देशवासियों को यही पता था कि 1990 के कश्मीरी पंडित नरसंहार की भूमिका बनाकर लंदन भाग जाने वाला फारूख अब्दुल्ला जम्मू-कश्मीर में पाकिस्तानी एजेंडा लागू करने वाला और दिल्ली दरबार से मिलने वाले अरबों रुपयों का पैकेज डकारने वाला शख्स है। अपने देशभक्त होने का कल-परसों एक पक्का सबूत फारूख अब्दुल्ला ने फिर दे दिया जब पत्रकारों ने उनसे कहा- अब तो कश्मीर में हर घर में राष्ट्रध्वज लहरायेगा। फारूख ने कश्मीरी ज़ुबान में जवाब दिया 'शू साइजी पशी गयरी' यानि इस झंडे को अपने पास ही रखो। मतलब यह है कि हमें राष्ट्रध्वज से क्या लेना देना। लोग सुरक्षाबलों पर पथराव करने वालों और पाकिस्तान परस्तों-अलगाववादियों की हिमायत करने वाली महबूबा की धमकी नहीं भूले हैं जब उसने कहा था कि कश्मीर घाटी में नेशनल फ्लैग उठाने वाला कोई नहीं मिलेगा। यशवंत सिन्हा के लिये ये सब बातें देशभक्ति की पक्की निशानी हैं इसी लिये उन्हें फारूख अब्दुल्ला और महबूबा मुफ्ती सबसे बड़ी देशभक्त नज़र आते हैं। ऐसा शख्स अगर राष्ट्रपति बन गया तो असली देशभक्त को अपना सिर जरूर धुनना पड़ेगा।
गोविंद वर्मा
संपादक 'देहात'
Rani Sahu
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