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- हिंदुत्व की सार्थक...
पूर्व विदेश मंत्री की किताब 'सनराइज ओवर अयोध्या-नेशनहुड इन अवर टाइम्स' में हिंदुत्व को आईएस और बोको हरम जैसे आतंकी संगठनों के समकक्ष रखे जाने के साथ ही 'हिंदुत्व' को लेकर एक नई बहस छिड़ गई है। इस विवदित किताब के लेखक कानूनविद भी माने जाते हैं। हिंदू, हिंदुत्व और हिंदूवाद जैसे शब्दों और इसके उपयोग के बारे में 1904 से लेकर 1994 के बीच कई न्यायिक व्यवस्थाएं हैं, लेकिन अभी भी एक वर्ग समय-समय पर हिंदुत्व को जीवन शैली के रूप में परिभाषित करने और इस शब्द के उपयोग के संदर्भ के बारे में संबंध न्यायिक व्यवस्था पर पुनर्विचार करने का अनुरोध न्यायालय से कर रहा है। हिंदुत्व शब्द के प्रति किसी न किसी तरह की अदावत रखने वाले संगठन या लोग चाहते हैं कि इस शब्द के इस्तेमाल पर ही पाबंदी लगाई जाए। सुप्रीम कोर्ट की जस्टिस जगदीश शरण वर्मा की अध्यक्षता वाली तीन सदस्यीय बेंच ने 11 दिसंबर 1995 को अपने फैसले में कहा था कि हिंदुत्व या हिंदूवाद एक जीवन शैली है। इससे पहले 14 जनवरी 1966 को तत्कालीन प्रधान न्यायाधीश पीबी गजेन्द्रगडकर की अध्यक्षता वाली पांच सदस्यीय संविधान बेंच ने अहमदाबाद के स्वामीनारायण मंदिर के संदर्भ में अपने फैसले में हिंदू धर्म के बारे में विस्तार से चर्चा की थी। इस संविधान पीठ ने स्वामीनारायण मंदिर से संबंधित शास्त्री यज्ञपुरुषादजी और अन्य बनाम मूलदास ब्रुदर्दास मुलदास ब्रदर दास वैश्य और अन्य केस में सुनाए गए फैसले में कहा था कि इस चर्चा से यही संकेत मिलता है कि शब्द हिंदू, हिंदुत्व और हिंदूवाद का कोई निश्चित अर्थ नहीं निकाला जा सकता है। साथ ही भारतीय संस्कृति और विरासत को अलग रखते हुए इसके अर्थ को सिर्फ धर्म तक सीमित नहीं किया जा सकता। इसमें यह भी संकेत दिया गया था कि हिंदुत्व का संबंध इस उपमहाद्वीप के लोगों की जीवन शैली से अधिक संबंधित है। संविधान पीठ ने यह भी कहा था कि जब हम हिंदू धर्म के बारे में सोचते हैं तो हम हिंदू धर्म को परिभाषित या पर्याप्त रूप से इसकी व्याख्या करना असंभव नहीं, मगर बहुत मुश्किल पाते हैं। दूसरे धर्मों की तरह हिंदू धर्म किसी देवदूत का दावा नहीं करता, यह किसी एक ईश्वर की पूजा नहीं करता, किसी धर्म सिद्धांत को नहीं अपनाया, यह किसी के भी दर्शन की अवधारणा में विश्वास नहीं करता, यह किसी भी अन्य संप्रदाय का पालन नहीं करता, वास्तव में ऐसा नहीं लगता कि यह किसी भी धर्म के संकीर्ण पारंपरिक सिद्धांतों को मानता है।