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- हारने वाला भी…!
वे दहाडें मारकर रो रहे थे। रोते हुए ही आए थे मेरे घर पर। बोले-'मैं बरबाद हो गया शर्मा, मुझे बचा लो।' मैं बोला-'आखिर हुआ क्या है बलराम जी?' वे और जोर से रोने लगे। रोते-रोते ही बोले-'मैं चुनाव हार गया। अब क्या होगा?' मैंने कहा-'देखिए चुनाव में एक ही जीतता है। दूसरों को तो हारना ही होता है। आप द्यैर्य रखें, आगे चुनाव और होंगे। मौके खत्म थोडे़ ही हुए हैं। आप तो आराम से चाय पीजिए, सब ठीक हो जाएगा।' 'मैंने सब कुछ दांव पर लगा दिया शर्मा। मैं कंगाल हो गया। जीप वाला, ढाबे वाला, माइकवाला और उधारी मांगने वाले मुझे ढंूढ रहे हैं। मैं करूं तो क्या करूं?' वे बोले। उन्हें कहो कि पार्टी से पैसा मिलेगा, तब चुका दूंगा उधारी। कोई ज्यादा ही दादागिरी करे तो आप भी गुंडई पर उतर आएं। मांगना भूल जाएगा।' मैंने कहा। 'मुझे कहीं छिपा दो शर्मा। मैं किस मुंह से जनता के सामने जाऊं। मैंने सब्जबागों के वादे किए थे, लेकिन वोटर ने मेरी जमानत जब्त करा दी।' बलराम जी बोले। 'राजनेता होकर कैसी कायरों वाली बातें कर रहे हो?