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- श्रीलंका के आर्थिक...
हाल ही में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ वरिष्ठ नौकरशाहों की बैठक में शामिल उच्च अधिकारियों ने देश में कई राज्यों द्वारा घोषित अति लोकलुभावन योजनाओं और ढेर सारी मुफ्त रियायतों पर चिंताएं जाहिर करते हुए कहा कि ऐसी योजनाएं और रियायतें आर्थिक रूप से व्यावहारिक नहीं हैं। ये लोकलुभावन योजनाएं और रियायतें कई राज्यों को श्रीलंका की तरह आर्थिक मुश्किलों के रास्ते पर ले जा सकती हैं। गौरतलब है कि श्रीलंका में पिछले कुछ समय से लागू की गई लोकलुभावन योजनाओं, करों में भारी कटौती और बढ़ते कर्ज ने श्रीलंका की अर्थव्यवस्था को सबसे बुरे दौर में पहुंचा दिया है। 2018 में वैट की दर 15 फीसदी से घटाकर 8 फीसदी की गई और विभिन्न वर्गों को दी गई अभूतपूर्व सुविधाओं व छूटों के कारण श्रीलंका दर्दनाक मंदी और चीन के ऋण जाल में फंस गया है। श्रीलंका में इस साल महंगाई दर एक दशक में अपने सर्वाधिक स्तर पर पहुंच चुकी है। आर्थिक तंगी के खिलाफ तेज होते विरोध प्रदर्शनों के बीच सरकार ने एक अप्रैल को श्रीलंका में आपातकाल लागू किया है। श्रीलंका की विपक्षी पार्टियों के द्वारा सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव और राष्ट्रपति पर महाभियोग की तैयारी की घोषणा की गई है।