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- इंदौर से सीखें...
स्वच्छता के राष्ट्रीय मानकों में हिमाचल की शहरी आबादी ने यूं तो प्रदेश को पांचवीं पायदान पर पहुंचा दिया, लेकिन इन करवटों में अभी कई त्रुटियां स्पष्ट हैं। लुढ़कते हुए शिमला का आंचल क्यों मैला नजर आया या धर्मशाला क्यों सर्वेक्षण के प्रथम सौ शहरों में स्थान प्राप्त नहीं कर पाया, यह विश्लेषण का विषय हो सकता है। प्रदेश के आठ शहरों की स्वच्छता रैंकिंग में आया सुधार आशाजनक है, तो आठ नगरों में आई गिरावट की निशानियां चुननी पड़ेंगी। यह तस्वीर उस प्रदेश की है जहां पर्यावरण ही प्रकृति और प्रकृति ही प्रेरणा है। इस दौरान इंदौर पांचवीं बार और 2017 से 2021 तक देश की सर्वोच्च स्वच्छता को प्रमाणित करता शहर बना, तो इस नजाकत को समझना होगा। विडंबना यह है कि हम अपने ही स्वच्छता के मानदंडों को भूल गए हैं। अपनी ही प्रेरणास्रोत यानी शिमला शहर की सफाई को नजरअंदाज करते हुए इसे 65वीं पायदान से 102वें स्थान पर देख रहे हैं।
divyahimachal