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- कारगिल विजय दिवस विशेष...
इतिहास साक्षी रहा है कि शूरवीरता के मजमून शौर्य पराक्रम के बेहतरीन खिलाड़ी रणभूमि में अपने अदम्य साहस से ही लिखते आए हैं। 26 जुलाई के दिन भारतीय सेना अपने उन रणबांकुरों को नमन करती है जिन्होंने सन् 1999 में दुनिया के सबसे ऊंचे रणक्षेत्र कारगिल की जंग में पाक सेना की पेशकदमी को नेस्तनाबूद करके पाक हुक्मरानों की कश्मीर का आलमगीर बनने की तमाम गलतफहमियों व शंकाओं को दूर कर दिया था। पाक सैन्य रणनीतिकारों ने कारगिल की साजिश को ऑपरेशन कोह-ए-पैमा नाम देकर नियंत्रण रेखा पार करके कारगिल क्षेत्र में पाक सेना की नार्दर्न लाइट इन्फैंट्री के हजारों लाव-लश्कर की घुसपैठ कराने का दुस्साहस किया था। घुसपैठ की भनक लगते ही भारतीय सेना द्वारा बटालिक सेक्टर के दुर्गम क्षेत्र में दुश्मन की पोजीशन का पता लगाने के लिए 5 मई 1999 को कै. सौरभ कालिया के नेतृत्व में भेजे गए गश्ती दल पर पाक सेना ने घात लगाकर हमला करके उस गश्ती दल के सभी छह सदस्यों को हिरासत में लेकर उनकी नृशंस हत्या कर दी थी जो कि 'जेनेवा कन्वेंशन 1949' का उल्लंघन था तथा घुसपैठ 1972 के शिमला समझौते के प्रावधानों का उल्लंघन थी। घुसपैठ की पुख्ता जानकारी के बाद भारतीय थलसेना ने 'ऑपरेशन विजय' लॉन्च किया।
By: divyahimachal