सम्पादकीय

यह समय बहुत अधिक सावधानी बरतने का है; बाहर मन और घर में ध्यान साधें

Rani Sahu
17 Sep 2021 12:53 PM GMT
यह समय बहुत अधिक सावधानी बरतने का है; बाहर मन और घर में ध्यान साधें
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आंधी-तूफान में तिनकों को कम नुकसान होता है

पं. विजयशंकर मेहता। आंधी-तूफान में तिनकों को कम नुकसान होता है। हम तिनके भले ही न हों, लेकिन इस शब्द से दो और शब्द निकाले जा सकते हैं- माइक्रो और नैनो। माइक्रो का अर्थ हुआ सूक्ष्म, नैनो मलब छोटा, बौना। माइक्रो एक पुरानी व्यवस्था है, नैनो शब्द अभी कुछ वर्षों में नई व्यवस्था के रूप में आया है। इन शब्दों को टेक्नोलॉजी से भी जोड़ा जाता है, लेकिन हम इन्हें परिवार प्रबंधन से जोड़ें। बाहर की व्यवस्थाओं को नैनो के ढंग से चलाएं।

अब बहुत अधिक उठा-पटक न करें। यदि बौना बनना पड़े तो बन जाइए। यह बहुत अधिक सावधानी बरतने का समय है। वहीं घर की व्यवस्था को माइक्रो ढंग से चलाएं। बहुत सूक्ष्मता से ध्यान रखिए हर बात का। आय का, खर्च का, घर के सदस्यों की मानसिकता का, रिश्तों का। बाहर हमारा दबदबा होता है, घर में दबाव होता है। बाहर शोहरत होती है, घर में शांति होती है। बाहर मामला संपत्ति का है, घर के भीतर साधना का है।
बाहर मन को साधना पड़ता है, घर में ध्यान को साधिएगा। बाहर प्रतिष्ठा काम आती है, घर में प्रेम काम आता है। बाहर आपके तेवर चल सकते हैं, घर में तेवर तनाव बन सकते हैं। बाहर का मामला खैरियत से जुड़ा है, घर का मामला खुशी से जुड़ा है। तो इस समय माइक्रो और नैनो व्यवस्थाओं पर ध्यान दीजिएगा। जैसे धर्म नैनो व्यवस्था है, योग माइक्रो व्यवस्था होगी।


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