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सोर्स - JAGRAN
भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण ने सड़कों की डिजाइन में खामी के चलते होने वाली गंभीर दुर्घटनाओं के लिए संबंधित अधिकारियों को जवाबदेह ठहराने के जो निर्देश जारी किए, वे बहुत जरूरी थे। एक लंबे समय से यह सामने आ रहा है कि मार्ग दुर्घटनाओं का एक बड़ा कारण सड़कों की खराब डिजाइन है, लेकिन उसके लिए जिम्मेदार अधिकारी किसी कार्रवाई से बचे रहते हैं। इसका एक कारण यह भी है कि आम तौर पर राजमार्गों पर होने वाले हादसों की वजह या तो वाहनों की तेज गति मान ली जाती है या फिर वाहन चालकों की लापरवाही।
निःसंदेह इन कारणों से भी सड़क दुर्घटनाएं होती हैं, लेकिन सड़कों की दोषपूर्ण डिजाइन भी तो जानलेवा साबित हो रही है। यह आश्चर्य की बात है कि राजमार्गों के दुर्घटना बहुल स्थलों की तो बात खूब होती है, लेकिन उनकी खराब डिजाइन की नहीं। जब बड़ी संख्या में नए-नए राजमार्ग बन रहे हैं और पुराने संवारे जा रहे या चौड़े किए जा रहे, तब फिर इसे सर्वोच्च प्राथमिकता क्यों नहीं दी जा रही कि उनकी डिजाइन में कोई खामी न हो? कम से कम अब तो यह सुनिश्चित ही किया जाए कि राजमार्गों की डिजाइन दोषपूर्ण न हो।
इसके साथ ही राजमार्गों पर दुर्घटना के अन्य कारणों की पहचान करके उनका भी निवारण करना होगा। यह इसलिए आवश्यक है, क्योंकि जब भी कोई बड़ा सड़क हादसा होता है तो उसके बाद वाहनों की तेज गति को लेकर कड़ाई बरती जाने लगती है। इसमें हर्ज नहीं, लेकिन इसी के साथ उचित मार्ग संकेतकों के अभाव, अतिक्रमण और यातायात नियमों की अनदेखी को लेकर भी सख्ती दिखाई जानी चाहिए, क्योंकि राजमार्गों पर यातायात के सामान्य नियमों का जमकर उल्लंघन होता है। आम तौर पर इस पर कोई ध्यान नहीं देता।
राजमार्गों पर हर तरह के वाहन किसी भी लेन पर फर्राटा भरते दिख जाते हैं। कई बार तो बेसहारा पशु भी चहलकदमी करते नजर आते हैं। इसी तरह उलटी दिशा से वाहन चलाना भी आम है और राजमार्गों के किनारे पर ढाबे और अन्य दुकानों का संचालन भी। राजमार्ग प्राधिकरण ने जिस तरह यह पाया कि अनंतिम प्रमाण पत्र जारी करते समय यह सुनिश्चित नहीं किया जा रहा कि हादसों को रोकने वाले सभी उपायों पर अमल कर लिया गया है या नहीं, उससे यही पता चलता है कि राजमार्गों पर लोगों की सुरक्षा पर समुचित ध्यान नहीं दिया जा रहा था।
एक ऐसे समय जब अपने देश में मार्ग दुर्घटनाओं में जान गंवाने और घायल होने वालों की संख्या तेजी से बढ़ती जा रही है, तब सड़क सुरक्षा को प्राथमिकता न केवल मिलनी चाहिए, बल्कि वह दिखनी भी चाहिए। इसके लिए लोगों को जागरूक भी करना होगा और ऐसा वातावरण भी बनाना होगा जिससे राजमार्गों का उपयोग करने वाले अपनी और दूसरों की सुरक्षा की चिंता करें।
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