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आम भारतीय क्रिकेट फैन (Indian Cricket Team) रफ्तार से रश्क करता है
शिवेन्द्र कुमार सिंह
आम भारतीय क्रिकेट फैन (Indian Cricket Team) रफ्तार से रश्क करता है. इसकी वजह भी साफ है. क्रिकेट इतिहास में दर्ज है कि हमारे बल्लेबाजों को लंबे समय तक वेस्टइंडीज की पेस बैटरी ने डराया. क्रीज पर घायल कर करके अस्पताल तक भेजा. बाद में कभी शोएब अख्तर (Shoaib Akhtar) ने डराया, कभी ब्रेट ली (Brett Lee) ने डराया. हमारे बल्लेबाज रफ्तार से घबराते रहे तो भारतीय फैंस भी तेज गेंदबाजों से डरते रहे. इससे उलट वर्ल्ड क्लास गेंदबाज तो हमारी टीम में भी थे. लेकिन उनकी ताकत और काबिलियत का बड़ा हिस्सा रफ्तार नहीं बल्कि स्विंग और सीम था. रफ्तार तब भी सीमित ही थी. फिर बीते दशक में बड़ा बदलाव आया.
हमारे पास भी ऐसे गेंदबाज आए जिन्होंने विरोधी टीम के बल्लेबाजों के हेलमेट चटकाए. उनकी सनसनाती हुई गेंद भी कंधे के ऊपर से निकलना शुरू हुई. भारतीय फैंस के चेहरे खिल गए. उन्हें लगा कि अब भारत की मिट्टी भी ऐसे गेंदबाजों को पैदा करने लगी है जिनमें तेज गेंदबाजी का दम खम है. अब ये कहानी एक कदम और आगे बढ़ गई है. अब भारत में ऐसे गेंदबाज भी हैं जो हर गेंद फेंकने में अपनी जान लगा देते हैं. रफ्तार उनकी ताकत है. ऐसे ही गेंदबाज हैं- उमरान मलिक (Umran Malik). 22 साल के उमरान अभी टीम इंडिया तक तो नहीं पहुंचे हैं लेकिन आईपीएल में उनकी गेंदबाजी की जबरदस्त चर्चा हो रही है.
सनराइजर्स की टीम का हिस्सा हैं उमरान मलिक
सनराइजर्स हैदराबाद ने उमरान मलिक को 4 करोड़ रुपये में 'रीटेन' किया था. 2021 में उमरान मलिक को तीन मैच में ही खेलने का मौका मिला था. लेकिन उनकी रफ्तार और 8 की इकॉनमी रेट ने हर किसी को प्रभावित किया था. नतीजा हैदराबाद ने उन्हें 'रीटेन' किया. इस साल उन्होंने अब तक सात मैच खेले हैं. इन 7 मैच में उन्होंने 10 विकेट लिए हैं. उनकी इकॉनमी 8.23 है. मलिक अक्सर डेढ़ सौ किलोमीटर की रफ्तार को छूते हैं या पार कर जाते हैं. इस सीजन में वो आईपीएल इतिहास की सबसे तेज गेंद फेंक चुके हैं. जिसकी रफ्तार 153.3 किलोमीटर थी. ये गेंद उन्होंने गुजरात टाइटन्स के खिलाफ फेंकी थी. सबसे ज्यादा विकेट लेने वाले गेंदबाजों की फेहरिस्त में उमरान बारहवें नंबर पर हैं.
रफ्तार से इतना खौफ क्यों होता है?
क्रिकेट की पुरानी कहावत है. गेंदबाज की रफ्तार उसकी सबसे अच्छी दोस्त है और दुश्मन भी. दोस्त इसलिए क्योंकि अगर सीम-स्विंग के साथ साथ रफ्तार है तो उस गेंदबाज को खेलना दुनिया के बड़े बड़े बल्लेबाजों के लिए चुनौती है. दुश्मन इस लिहाज से कि अगर गेंदबाज रफ्तार कायम रखने या और बढ़ाने के चक्कर में अपनी लाइन लेंथ से भटकता है तो सारी मेहनत बेकार है. यानी असली मजा तब है जब रफ्तार के साथ साथ गेंदबाज अपनी 'एक्यूरेसी बनाए रखे. कुछ समय पहले तक परंपरागत तौर पर सोच भी यही होती थी कि कोच खिलाड़ी से कहते थे- रफ्तार कम कर लो और लाइन लेंथ का ध्यान दो. मुनाफ पटेल का उदाहरण देखिए. मुनाफ बहुत तेज थे लेकिन बाद में उन्होंने लाइन लेंथ कायम रखने के लिए रफ्तार कम की. लेकिन अब ऐसा नहीं है. अब कोच गेंदबाजों को कहते हैं- रफ्तार से समझौता नहीं करना है. पूरी ताकत इसी बात पर है कि लाइन लेंथ पर काम करते रहिए लेकिन रफ्तार कम मत करिए.
पंजाब के खिलाफ पिछले मैच की कहानी
17 अप्रैल को सनराइजर्स हैदराबाद का मुकाबला पंजाब के खिलाफ था. 19वें ओवर तक पंजाब की टीम ने 6 विकेट पर 151 रन बनाए थे. आखिरी ओवर उमरान मलिक के जिम्मे था. उन्होंने आखिरी ओवर में पंजाब की टीम को एक रन भी नहीं बनाने दिया. साथ ही एक विकेट भी ले लिया. आईपीएल के इतिहास में आखिरी ओवर मेडन फेंकने वाले वो सिर्फ चौथे गेंदबाज हैं. इससे पहले इरफान पठान, लसिथ मलिंगा और जयदेव उनादकट ने ये कारनामा किया था. आखिरी ओवर में एक भी रन न जोड़ पाने से पंजाब के स्कोरबोर्ड पर 151 रन थे. सनराइजर्स हैदराबाद को 152 रन का लक्ष्य मिला. जो उसने 18.5 ओवर में पूरा कर लिया. इस मैच में उमरान मलिक ने 28 रन देकर 4 विकेट चटकाए थे. उन्होंने 2 कैच भी लपके थे. जो इस सीजन में उनका सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन है. उन्हें प्लेयर ऑफ द मैच भी चुना गया था.
उमरान मलिक क्यों हैं इतने खास
आखिर क्या वजह है कि इस सीजन में उमरान मलिक पर इतनी चर्चा हो रही है. जाहिर है एक बड़ी वजह तो उनकी रफ्तार है. दूसरी वजह है उनका रोल. बतौर तेज गेंदबाज आप उन्हें शुरूआती ओवर में गेंद दीजिए. वो विकेट लेकर देते हैं. बीच के ओवर में वो रन गति पर रोक लगाते हैं. आखिरी ओवर में उनके कमाल का जिक्र हमने अभी ही किया है. एक तेज गेंदबाज से उसके कप्तान को और क्या चाहिए. सनराइजर्स हैदराबाद की टीम ने इस सीजन में अब तक सात में पांच मैच में जीत हासिल की है. 10 प्वाइंट के साथ वो टेबल में दूसरी पायदान पर है. इस शानदार प्रदर्शन में उमरान मलिक का भी बड़ा रोल है.
रफ्तार का दिलचस्प आंकड़ा जानिए
एक दिलचस्प आंकड़ा है. उमरान मलिक ने 120 किलोमीटर प्रतिघंटे की रफ्तार से अभी तक सिर्फ 1.4 प्रतिशत गेंदबाजी की है. 120-130 किलोमीटर प्रतिघंटे की रफ्तार से भी 1.4प्रतिशत गेंदबाजी की है. 130-140 की रफ्तार से की गई गेंदबाजी का प्रतिशत 6.4 है. जबकि 140 से ज्यादा की रफ्तार का प्रतिशत 90.8 है. यानी उमरान मलिक ऐसे गेंदबाज हैं जिन्हें 'स्लोवर' फेंकने में कोई दिलचस्पी नहीं है. उन्हें पता है कि उनकी ताकत रफ्तार है और वो अपनी ताकत पर ही भरोसा कर रहे हैं. इस वक्त विश्व क्रिकेट का हर बड़ा दिग्गज उमरान की रफ्तार पर ही चर्चा कर रहा है.
Rani Sahu
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