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- भारत को एक अलग प्रकार...
राष्ट्रपति पद भारतीय लोकतंत्र की कार्य पद्धति और अस्तित्व के लिए अति आवश्यक है। परंतु लंबे समय से इस पद का पार्टी के वफादारों को पुरस्कृत करने, अनुचरों को नियुक्त करने, या अल्पसंख्यकों अथवा वंचित समुदाय से एक सांकेतिक उम्मीदवार को चुनने के लिए दुरुपयोग होता रहा है। भारत में संसदीय लोकतंत्र के तौर पर एक राष्ट्रपति होना आवश्यक है, क्योंकि जब कोई सरकार अस्तित्व में न हो तो एक राष्ट्र प्रमुख होना जरूरी है जिसमें सभी शक्तियां निहित हों। कोई अधिकारी तो चाहिए जो आम चुनाव के बाद या एक सरकार गिरने पर प्रधानमंत्री का चयन कर सके, खासकर जब किसी भी दल के पास संसद में स्पष्ट बहुमत न हो। राष्ट्रपति सरकार पर एक नियंत्रक के रूप में कार्य करने के लिए भी आवश्यक है, अन्यथा संसद के दोनों सदनों में बहुमत रखने वाली सरकार पूरी तरह निरंकुश रह जाएगी। भारत की संघीय नींव के लिए भी राष्ट्रपति आवश्यक है, ताकि राज्य सरकारों पर कुछ नियंत्रण रहे। और राष्ट्रपति इसलिए भी आवश्यक है कि वह समस्त जनता की आवाज के रूप में कदम उठा सके, प्रधानमंत्री तो दरअसल केवल उन लोगों का प्रतिनिधित्व करता है जिन्होंने उसकी पार्टी अथवा गठबंधन को वोट दिया है।