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- मीथेन उत्सर्जन को...
सभी जीवित पदार्थों के जीवन में कार्बन तथा हाईड्रोजन तत्व रहते हैं और उनकी मृत्यु के बाद ये आर्गेनिक पदार्थ सड़ने लगते हैं। यदि आसपास ऑक्सीजन उपलब्ध हुई तो शरीर का कार्बन, कार्बन डाईआक्साइड (सीओ-2) बनकर उत्सर्जित होता है और पदार्थ में हाईड्रोजन, पानी (एच2ओ) बनकर समाप्त हो जाता है। लेकिन यदि सड़ते समय आसपास ऑक्सीजन उपलब्ध नहीं हुई तो यही कार्बन और हाईड्रोजन आपस में मिलकर मीथेन गैस (सीएच4) बनकर उत्सर्जित होती है। कार्बन डाईआक्साइड की तुलना में मीथेन गैस से धरती का तापमान अधिक बढ़ता है। धरती से जो गर्मी की किरणें बाहर निकलती हैं, यदि वे सीधे अंतरिक्ष में पहुंच सकें तो वे धरती के वायुमंडल से निकल जाती हैं और धरती का तापमान नहीं बढ़ता है। इसके विपरीत यदि वायुमंडल में ये किरणें रुक जाएं तो वायुमंडल गर्म हो जाता है और तदानुसार धरती का तापमान भी बढ़ता है। जब ये किरणें वायुमंडल में जाती हैं तो वायु में उपलब्ध अणुओं के बीच ये हलचल पैदा करती हैं। जैसे कार्बन डाईआक्साइड के कार्बन और ऑक्सीजन परमाणुओं के बीच में हलचल पैदा होती है।