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- यदि कुछ विपक्षी नेता...
सुरेंद्र किशोर।
बीते दिनों महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने कहा कि राज्य में यशवंत राव चव्हाण जैसे नेताओं की परंपरा रही है, जो अपने राजनीतिक विरोधियों के साथ भी शालीन व्यवहार करते थे। उद्धव ने यह बात अपने साले श्रीधर के खिलाफ प्रवर्तन निदेशालय की कार्रवाई को लेकर कही। याद रहे कि इससे पहले शिवसेना और राकांपा के तमाम नेताओं और उनके करीबी लोगों के खिलाफ केंद्रीय एजेंसियां कार्रवाई करती रही हैं। दरअसल मोदी सरकार की कार्यसंस्कृति के साथ महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री तालमेल नहीं बैठा पा रहे हैं। साथ ही निहित स्वार्थवश उसे दिल से स्वीकार भी नहीं कर पा रहे हैं। उद्धव ठाकरे, चव्हाण जैसे पुरानी पीढ़ी के कांग्रेस नेताओं की तरह यह चाहते हैं कि 'तुम सत्ता में रहो तो तुम हमें बचाओ और हम सत्ता में रहेंगे तो हम तुम्हें बचाएंगे।' आजादी के बाद और नरेन्द्र मोदी के सत्ता में आने तक इस देश में अपवादों को छोड़कर लगभग यही खेल चल रहा था, किंतु सत्ता संभालने के बाद मोदी ने यह कहकर खेल का नियम ही बदल दिया कि 'न खाऊंगा और न खाने दूंगा।'