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- कितना आत्मनिर्भर है...
हिमाचल प्रदेश का एक ख़ास वर्ग जो स्वयं रोज़गार और स्टार्टअप शुरू करने में विश्वास रखता है, हिमाचल प्रदेश कौशल विकास निगम ने ऐसे लोगों को अपने सपने साकार करने के लिए न केवल आर्थिक रूप से बल्कि तकनीकी रूप से भी विभिन्न कार्यक्रमों द्वारा उनकी मदद की है। हिमाचल प्रदेश कौशल विकास निगम के अनथक प्रयासों से हिमाचल का युवा और तकनीकी रूप से शिक्षित वर्ग अब स्वावलम्बन और आत्मनिर्भरता की ओर तेजी से अग्रसर हैं। हि. प्र. कौशल विकास निगम की स्थापना 14 सितंबर 2015 में की गई थी। राज्य कौशल विकास मिशन और प्रधानमंत्री कौशल विकास योजना के तहत की गई थी। एशियाई विकास बैंक ने इस परियोजना में हिमाचल सरकार की सहायता की। एशियाई विकास बैंक ने 429 करोड़ रुपए की धनराशि प्रदेश में ज़रूरतमंदों की तकनीकी शिक्षा, सामान और स्वरोज़गार शुरू करने के लिए अनुबंधित की। कौशल विकास निगम की परियोजनाओं में 68 करोड़ की लागत से वाकनाघाट, सोलन जिला में, अतिथि सत्कार, पर्यटन और तकनीकी सूचना के लिए एक उत्कृष्ट केंद्र की स्थापना की जा रही है। हिमाचल प्रदेश कौशल विकास निगम की प्रबंध निदेशक कुमुद सिंह ने यह निश्चित किया कि इन परियोजनाओं का लाभ हिमाचल के दूरदराज़ के क्षेत्रों में रह रहे उन बेरोज़गार लोगों को भी मिले जो अब तक किसी तरह स्वरोज़गार या सरकारी नौकरी से वंचित रह गए। उन्हें यह सब सुविधाएं और तकनीकी शिक्षा और रोज़गार के अवसर मिलें।