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- हिमाचली प्रशिक्षु...
26 फरवरी 2022 को दो यूरोपियन देशों यूक्रेन व रूस के मध्य आरंभ युद्ध के परिणामस्वरूप, विभिन्न वर्षों के पाठ्यक्रम में अध्ययनरत विभिन्न भारतीय राज्यों के लगभग 18 हजार प्रशिक्षु चिकित्सकों का भविष्य अधर में लटक चुका है, जिनमें हिमाचल प्रदेश के लगभग 372 से अधिक छात्र भी सम्मलित हैं। ये अपने अनिश्चित भविष्य को लेकर चिंताग्रस्त व तनावग्रस्त हैं। यह स्वाभाविक भी है क्योंकि दो देशों के मध्य युद्ध के कारण यूक्रेन के शिक्षा संस्थान एवं अन्य शैक्षणिक संस्थानों की आधारभूत संरचना पूर्ण रूप से ध्वस्त हो चुकी है। इस देश के प्रमुख शहरों जैसे कीव, खार्कीव, चेरनिविस्ट आदि स्थित प्रमुख चिकित्सा शिक्षण संस्थान पूर्ण रूप से क्षत-विक्षत हो चुके हैं और भविष्य में इन शिक्षण संस्थानों में पढ़ाई का सुचारू संचालन वर्तमान युद्ध की इन विकट परिस्थितियों में संभव नहीं हो सकता है। देश व प्रदेश के अधिकांश प्रशिक्षु छात्रों के अभिभावकों द्वारा विषम आर्थिक परिस्थितियों में, अपने बच्चों को डॉक्टरी जैसे मानवता की सेवा से प्रेरित शिक्षा हेतु विदेश में भेजना, वर्तमान में भारतीय अभिभावकों की विवशता का कारण है क्योंकि देश व प्रदेश में चिकित्सा क्षेत्र में प्रवेश लेने की जटिल प्रक्रिया एवं व्यापक प्रतिस्पर्धा व चिकित्सा क्षेत्र के पाठ्यक्रम में सीमित सीटों की संख्या एक बड़ी समस्या है।