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- हिमाचली पहाड़ी भाषा को...
विश्व में सात हज़ार के करीब भाषाएं हैं जिनमें अंग्रेजी, चीनी, हिंदी, स्पैनिश और फ्रेंच सबसे ज्यादा बोली जाती हैं। पूरे विश्व में अनगिनत बोलियां और उपबोलियां हैं। हमारे देश की बात करें तो इसमें 19500 बोलियां हैं, जिनमें 121 ऐसी बोलियां हैं जिन्हें दस हज़ार या इससे अधिक लोग बोलते हैं। हिमाचल में दस बोलियां अधिकतर बोली जाती हैं, जिनमें सिरमौरी, जो सिरमौर जिला की बोली है। सोलन जिले की बोली बघाटी है, लेकिन जैसे ही हम सोलन जिले के मैदानी इलाकों में जाते हैं, जैसे नालागढ़, पंजेहरा, जोघों आदि, वहां पर पंजाबी भाषा का स्थानीय बोली पर बहुत प्रभाव है। ज्यादातर लोग पंजाबी ही बोलने लगते हैं। अगर हिंदी बोलते हैं तो उसके उच्चारण में पंजाबी साफ झलकती है। आजादी से पहले शिमला बहुत छोटी-छोटी रियासतों से मिलकर बना था। इन रियासतों में सबसे बड़ी रियासत क्योंथल थी। बाद में यह सारी रियासतें महासू जिले का हिस्सा बन गईं। फिर महासू में बोली जाने वाली बोली महासुई कहलाई। हिमाचल में यह बात प्रसिद्ध है कि हर 12 कोस पर बोली बदल जाती है। आप हिमाचल के एक जिले से दूसरे जिले में जाएंगे तो आपको अलग बोली और उसका अलग उच्चारण सुनने को मिलेगा। हालांकि हिमाचली पहाड़ी भाषा समझने में इतनी मुश्किल नहीं है। हां, थोड़ा प्रयास ज़रूर करना पड़ता है। क्योंकि यह सारी बोलियां देवनागरी लिपि में लिखी जाती हैं, तो इन्हें पढ़ कर आसानी से समझा जा सकता है।