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- अनाथ बच्चों की मदद
अनाथ होना सबसे भयावह मानवीय त्रासदी है। यदि बचपन ही अनाथ हो जाए, तो उससे बड़ी सामाजिक, मानसिक और व्यक्तिगत यंत्रणा कोई और नहीं हो सकती। प्रधानमंत्री मोदी ने अनाथ बच्चों की तकलीफें साझा करने का एक प्रयास किया है, एक अभियान चलाया है कि सरकार उनका लालन-पालन करेगी तथा इतना सहयोग करेगी कि अनाथ बच्चा पढ़-लिख कर आत्मनिर्भर बन सके। बेशक माता-पिता का 'शून्य' ऐसे सहयोग या प्रधानमंत्री की चौतरफा मदद भी नहीं भर सकते, लेकिन ऐसे प्रयास मानवीय जरूर कहे जा सकते हैं। मोदी सरकार ने ऐसे बच्चों का चयन कराया है, जिनके माता-पिता कोरोना महामारी ने छीन लिए हैं, दोनों की मृत्यु हो चुकी है। सरकार ऐसे अनाथ बच्चों को केंद्रीय, नवोदय अथवा सैनिक स्कूलों में पढ़ाएगी। उनका पूरा खर्च वहन करेगी। उच्च शिक्षा के लिए बैंक ऋण भी मुहैया कराएगी और मानदेय के तौर पर 4000 रुपए प्रति माह बच्चों के खातों में हस्तांतरित किए जाएंगे। बच्चे की उम्र 23 वर्ष होगी, तो सरकार एकमुश्त 10 लाख रुपए प्रति बच्चे को मदद भी देगी। प्रधानमंत्री ने बच्चों के प्रति सहानुभूति जताते हुए और उन्हें मानसिक संबल देने के मद्देनजर 4345 बच्चों को पत्र भी लिखा है।
सोर्स- divyahimachal