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- बिना सिर के राजा
ख़ुशी से भरे जुम्मन मियाँ ने मंद-मंद मुस्कारते हुए जैसे ही अपने आँगन में क़दम रखा, फुम्मन अपनी छत से चुटकी लेते हुए बोले, 'बड़े ख़ुश दिखाई दे रहे हो। क्या हुआ आज गाड़ी में पचास रुपए लीटर तेल डलवा कर आ रहे हो।' जुम्मन हँसते हुए बोले, 'हाँ यार! बात ही कुछ ऐसी है। मेरा स्पेन का वीज़ा कनफ़र्म हो गया है। मैं जून में स्पेन के फ्रूता कोलोरेडो में आयोजित होने वाले हैडलेस या बिना सिर के चिकन समारोह,'माईक दि मिरेकल' में भाग लेने के लिए जा रहा हूँ। चाहो तो तुम भी आ सकते हो। वीज़ा आसानी से लग जाएगा।' फुम्मन हँसते हुए बोले, 'मैं तुम्हारी तरह पागल थोड़े ही हूँ, जो पैसे ख़र्च कर ऐसे समारोह में भाग लेने के लिए विदेश जाऊँगा। हमारे यहाँ तो ऐसे समारोह आए दिन होते रहते हैं। कभी एक हेडलेस चिकन आलुओं से सोना निकलाता है तो कभी दूसरे हेडलेस के कहने पर पूरा देश हेडलेस हो कर ताली-थाली बजाने लगता है। कभी कोरोना से बचाव के लिए दीए जल उठते हैं तो कभी मूर्तियां दूध पीने लगती हैं। कभी गोमूत्र अमृत बन जाता है, कभी गोबर सोना हो जाता है या एटम बम रोधी हो जाता है। कभी महाभारत काल में टीवी होने की बात सामने आती है तो कभी नाले की गैस से चाय बनने लगती है।