सम्पादकीय

जलवायु परिवर्तन की वजह से 10 सालों में खाद्य कीमतों में दोगुने की बढ़ोतरी, नींद पर भी संकट

Gulabi Jagat
11 Jun 2025 5:44 PM GMT
जलवायु परिवर्तन की वजह से 10 सालों में खाद्य कीमतों में दोगुने की बढ़ोतरी, नींद पर भी संकट
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विजय गर्ग

जलवायु परिवर्तन धरती का तापमान बढ़ा रहा है. इससे सिर्फ पर्यावरण में बदलाव ही नहीं आ रहे हैं, बल्कि मानव का सामान्य जीवन में भी परिवर्तन आना तय बताया जा रहा है. एक तरफ जहां जलवायु परिवर्तन से कृषि संकट बढ़ रहा है तो वहीं मानव शरीर में इसका असर देखा जाना है. जलवायु परिवर्तन यानी क्लाइमेट चेंज का सामना दुनियाभर की आबादी कर रही है. इस वजह से बाढ़, तूफान के साथ ही तापमान में बढ़ोतरी की वजह से असहनीय गर्मी मुख्य रही है. जलवायु परिवर्तन की ये चुनौतियां सिर्फ पर्यावरणीय ही नहीं है. इसका मानव जीवन पर व्यापक असर पड़ना तय माना जा रहा है. कुल जमा वैज्ञानिक मान रहे हैं कि जलवायु परिवर्तन की वजह से मानव को आर्थिक के साथ ही शारिरिक नुकसान होना तय है. जलवायु परिवर्तन की वजह से एक तरफ जहां फूड प्रोडक्ट यानी खाद्य पदार्थों के दामों में दोगुने तक की भी बढ़ोतरी होगी तो वहीं जलवायु परिवर्तन मानव की नींद का भी बड़ा दुश्मन बन सकता है. आइए समझते हैं कि पूरा मामला क्या है. 2035 तक दोगुने होंगे फूड प्रोडक्ट के दाम जलवायु परिवर्तन की वजह से तापमान में बढ़ोतरी हो रही है. इस वजह से कृषि संकट गहराया है और इस वजह से खाद्य पदार्थों के दामों में बढ़ोतरी हुई है. इस संबंध में यूरोपिय सेंट्रल बैंक के जलवायु परिवर्तन से दुनिया भर में बढ़ती महंगाई के आंकड़ों का विश्लेषण किया है. आंकड़ों के बाद बैंक ने अनुमान लगाया है कि 2035 यानी अभी से 10 साल बाद गर्म तापमान की वजह से मंहगाई में 0.5 से 1.2 फीसदी की दर से वार्षिक बढ़ोतरी होगी. जबकि खाद्य कीमतों के दामों में दोगुनी की बढ़ोतरी दर्ज की जा सकती है.जलवायु परिवर्तन की वजह से नींद का संकट जलवायु परिवर्तन की वजह से तापमान में बढ़ोतरी होती है, जो भोजन के बाद किसी मनुष्य के लिए आवश्यक नींद के लिए बड़ा संकट पैदा कर रही है. हालांकि हम तापमान को कम करने के लिए एयरकंडीशनर चला रहे हैं, लेकिन उसके बाद भी रात में बढ़ता तापमान हमारी नींद में खलल डाल रहा है.

इसको लेकर चीन की फुडन यूनिवर्सिटी ने लोगों की नींद के डेटा का विश्लेषण किया है. जिसके तहत यूनिवर्सिटी के रिसर्चर ने लोगों की नींद के 20 मिलियन से अधिक में रातों की निगरानी की. जिसमें पाया गया है कि अगर किसी रात तापमान में 10 डिग्री की बढ़ोतरी होती है तो लोगों की भरपूर नींद ना लेने की संभावनाएं 20 फीसदी तक बढ़ जाती हैं. रिसर्चर ने अनुमान लगाया है कि तापमान में बढ़ोतरी के कारण इस सदी के अंत तक चीन में प्रत्येक व्यक्ति प्रति वर्ष लगभग 33 घंटे की नींद खो सकता है.

विजय गर्ग सेवानिवृत्त प्रिंसिपल मलोट पंजाब

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