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By लोकमत समाचार सम्पादकीय
एक बार फिर फर्जी तरीके से सिम कार्ड एक्टिवेट कर चीन भेजने वाले गिरोह का भंडाफोड़ हुआ है। यह गिरोह ग्रेटर नोएडा के कॉलेजों में मादक पदार्थों की सप्लाई भी करता था। पता चला कि ये लोग भारत में फर्जी तरीके से सिम कार्ड एक्टिवेट कर चीन में सप्लाई करते हैं। वहां इन सिम के जरिये व्हाट्सएप्प चलाया जाता था। हालांकि पुलिस को इसमें वित्तीय जालसाजी या कोई अन्य वजह लग रही है।
पुलिस ने दो विदेशी नागरिकों के साथ तीन भारतीयों को भी गिरफ्तार किया है। इस गैंग से 728 मोबाइल सिम कार्ड बरामद किए गए हैं, जो फेक आईडी से एक्टिवेट कराए गए हैं। फर्जी तरीके से सिम एक्टिवेट करके देश से बाहर भेजे जाने और प्रकरण के भंडाफोड़ होने का यह पहला प्रकरण नहीं है। कुछ महीने पहले भी नेपाल बॉर्डर पर दो चीनी नागरिकों को सिम कार्ड के साथ पकड़ा गया था।
इस तरह के मामलों में चीन के इशारे पर जासूसी करने और सुरक्षा में सेंध लगाने की आशंका जताई जाती है। हमारे यहां अवैध रूप से रहकर साइबर क्राइम और अन्य अवैध कारोबार करने वाले लोगों को इस तरह फर्जी तरीके से सिम कार्ड की आवश्यकता होती है। निश्चित ही इन सिम कार्ड का प्रयोग देशविरोधी कामों के लिए भी होता होगा।
ऐसे मामलों में आमतौर पर भोले-भाले लोगों को मोहरा बनाया जाता है। ऐसे में जब कोई क्राइम होता है तो फिर जिन लोगों के नाम से सिम एक्टिवेट होते हैं वे जाल में फंस जाते हैं और क्राइम करने वाला आसानी से बच जाता है। पिछले काफी समय से साइबर अपराधियों द्वारा फाइनेंशियल फ्रॉड के मामले भी सामने आ रहे हैं।
फर्जी तरीके से हासिल की गई या एक्टिवेट की गई सिम का उपयोग पैसों की हेराफेरी करने के लिए किया जाता है। कई बार कुछ मोबाइल नेटवर्क कंपनियां सिम की अधिक बिक्री के लिए विभिन्न प्रकार की स्कीम बनाकर दुकानदारों और मोबाइल डीलरों को लालच देती हैं। जब कोई ग्राहक दुकान पर सिम कार्ड खरीदने के लिए जाता है तो दुकानदार उसकी आईडी की कई फोटो कॉपी करा लेता है। बाद में दुकानदार सिम एक्टिवेशन फार्म पर फोटो बदल-बदल कर इन आईडी पर सिम एक्टिवेट करा लेता है।
यह अच्छी बात है कि हमारी खुफिया एजेंसियों की सतर्कता के कारण समय-समय पर इस तरह के मामले पकड़े जाते हैं। लेकिन एक उपभोक्ता और एक जिम्मेदार नागरिक होने के नाते एक बात हमेशा ध्यान रखें कि आपका सिम कार्ड कभी किसी गलत व्यक्ति के हाथों में न पड़ जाए, ऐसा इसीलिए क्योंकि इससे नुकसान यह है कि अगर सामने वाला व्यक्ति आपके सिम कार्ड से कोई भी फ्रॉड करता है तो इसके लिए आपको जेल की हवा खानी पड़ सकती है।
सिम एक्टिवेट होने के बाद कस्टमर केयर पर फोन कर यह अवश्य जांच लें कि सिम किसके नाम पर रजिस्टर्ड है। यदि सिम किसी अन्य के नाम पर एक्टिवेट है तो तत्काल पुलिस को सूचना दें। हमारी सतर्कता से भी साइबर फ्रॉड पर काफी हद तक रोक लगाई जा सकती है।
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