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सम्पादकीय
Editorial: कश्मीरी हिंदुओं की सुरक्षा, आतंकियों के खुले-छिपे समर्थकों पर भी बरती जाए सख्ती
Gulabi Jagat
5 Jun 2022 11:01 AM GMT
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कश्मीरी हिंदुओं की सुरक्षा
कश्मीर में कश्मीरी हिंदुओं के साथ गैर कश्मीरियों को चुन-चुनकर निशाना बनाए जाने के खौफनाक सिलसिले को थामने के लिए जो तमाम कदम उठाए जा रहे हैं, उनकी सार्थकता तभी है, जब वे आतंकियों पर लगाम लगाने के साथ घाटी के अल्पसंख्यकों को सुरक्षित होने की अनुभूति कराएंगे। यह ठीक है कि घाटी में कार्यरत कश्मीरी हिंदुओं को तत्काल प्रभाव से सुरक्षित स्थानों पर स्थानांतरित करना शुरू कर दिया गया है, लेकिन आखिर इसकी क्या गारंटी कि ऐसे स्थान उनके लिए वास्तव में सुरक्षित साबित होंगे? यह प्रश्न इसलिए, क्योंकि पिछले कुछ समय से आतंकी कहीं भी किसी को भी निशाना बनाने में समर्थ दिख रहे हैं।
हाल के दिनों में आतंकियों ने तहसील, स्कूल, बैंक आदि में घुसकर हिंदुओं-सिखों को निशाना बनाया है। इसी कारण उनमें खौफ पैदा हुआ है और वे पलायन करने की तैयारी कर रहे हैं। कश्मीरी हिंदू किस तरह खौफजदा हैं, यह इससे समझा जा सकता है कि घाटी में कार्यरत जम्मू के कर्मचारी गृह जिलों में स्थानांतरण की मांग कर रहे हैं। मौजूदा माहौल में इस मांग को अनुचित नहीं कहा जा सकता, लेकिन यदि घाटी में कार्यरत कश्मीरी हिंदू जम्मू स्थानांतरित कर दिए जाते हैं, तो इससे आतंकियों के दुस्साहस को ही बल मिलेगा। स्पष्ट है कि कश्मीरी हिंदुओं की सुरक्षा के ठोस उपाय करने के साथ यह भी आवश्यक है कि आतंकियों के खुले-छिपे समर्थकों पर भी सख्ती बरती जाए।
इसे स्वीकार किया जाना चाहिए कि आतंकियों को एक ओर जहां पाकिस्तान से सहयोग-समर्थन मिल रहा है, वहीं वे स्थानीय स्तर पर भी संरक्षण पा रहे हैं। स्थानीय लोग ही आतंकियों को यह बताते हैं कि कहां कौन कश्मीरी हिंदू कार्यरत है। जब तक ऐसे लोगों को सबक नहीं सिखाया जाएगा, तब तक बात बनने वाली नहीं है। आतंकियों के दुस्साहस का दमन करने के लिए उन कारणों की तह तक भी जाना होगा, जिसके चलते नित-नए आतंकी पैदा हो रहे हैं।
यह सही है कि आतंकियों का बड़े पैमाने पर सफाया किया जा रहा है और अधिकांश मामलों में उनकी ओर से किसी बड़ी वारदात को अंजाम दिए जाने के दो-तीन के अंदर ही उन्हें ढेर कर दिया जा रहा है, लेकिन आखिर क्या वजह है कि वे विषबेल की तरह बढ़ते ही जा रहे हैं? इन कारणों का निवारण करने के साथ सरकार को घाटी में कश्मीरी हिंदुओं को सुरक्षित रखने के लिए किसी भी हद तक जाने को तैयार दिखना होगा। उचित यह होगा कि कश्मीरी हिंदुओं के लिए सुरक्षित कालोनियां बसाने के प्रस्ताव को जमीन पर उतारने का काम तेज किया जाए। इससे ही आतंकियों और उनके समर्थकों को सही संदेश जाएगा।
दैनिक जागरण के सौजन्य से सम्पादकीय
Gulabi Jagat
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