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'फेसलेस आरटीओ' की दिशा में आगे बढ़ने का महाराष्ट्र सरकार का फैसला निश्चित रूप से सराहनीय है
लोकमत समाचार सम्पादकीय
'फेसलेस आरटीओ' की दिशा में आगे बढ़ने का महाराष्ट्र सरकार का फैसला निश्चित रूप से सराहनीय है। इससे एक ओर जहां नागरिकों को लंबी लाइन में लगने की जद्दोजहद से बचना पड़ेगा, उनका समय बचेगा एवं सुविधा होगी, वहीं भ्रष्टाचार को खत्म करने में भी इससे बहुत बड़ी मदद मिलेगी। उल्लेखनीय है कि दिल्ली, उत्तरप्रदेश, बिहार, मध्यप्रदेश, झारखंड, हरियाणा सहित कई राज्य पहले ही फेसलेस सर्विस को अपना चुके हैं और बाकी बचे राज्य भी एक-एक करके इस दिशा में कदम बढ़ा रहे हैं।
'फेसलेस आरटीओ' के तहत राज्य के परिवहन विभाग ने 115 में से 80 सेवाओं को ऑनलाइन करने का फैसला किया है। आरटीओ के बारे में अब तक प्राय: यह आम धारणा रही है कि किसी दलाल को पकड़ लो तो गाड़ी चलाना आए चाहे नहीं, आपको लाइसेंस मिल जाएगा। परिणामत: इससे जहां रिश्वतखोरी को बढ़ावा मिलता था, वहीं फर्जी तरीके से लाइसेंस हासिल करने वालों के कारण सड़क दुर्घटनाओं का खतरा भी बना रहता था। अब सभी जगह कैमरे लगे होने और कम्प्यूटर के जरिये सबकुछ अपने आप होने के कारण उम्मीद की जानी चाहिए कि फर्जी तरीके से कोई दलाल लाइसेंस नहीं दिला सकेगा। आरटीओ में कोई भी काम होने पर पहले आमतौर पर लोगों को पूरा एक दिन उसमें लग जाने का डर सताता था। इसके अलावा एक ही दिन में काम हो जाने की गारंटी भी नहीं होती थी, लोगों को कई-कई बार आरटीओ कार्यालय का चक्कर लगाना पड़ता था। अब ऑनलाइन सुविधा उपलब्ध होने के कारण चंद मिनटों में ही काम होने की उम्मीद बलवती हो गई है।
तकनीक आज इतनी उन्नत हो गई है कि अगर उसका सही तरीके से इस्तेमाल किया जाए तो आम आदमी की जिंदगी को काफी सुविधाजनक बनाया जा सकता है। यह सच है कि अनेक लोग तकनीक को अपनाने में शुरू-शुरू में कतराते हैं लेकिन एक बार अपना लेने के बाद यह बहुत ही आसान लगने लगती है। कोरोना महामारी ने बेशक बहुत नुकसान किया है लेकिन उससे एक यह फायदा जरूर हुआ है कि उसकी वजह से तकनीकी विकास का काफी फायदा आम लोगों तक पहुंचा है। 'फेसलेस आरटीओ' की दिशा में आगे बढ़ना भी उसी का एक अंग है। उम्मीद की जानी चाहिए कि इससे लोगों को बिना किसी दिक्कत के आरटीओ से संबंधित सेवाएं हासिल हो सकेंगी।
Rani Sahu
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