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- हमेशा नहीं रहेगी डालर...
पिछले कुछ समय से भारतीय रुपया डालर के मुकाबले लगातार कमजोर होते हुए फरवरी 2022 में 74.5 रुपए प्रति डालर से अभी तक लगभग 80 रुपए प्रति डालर पार कर चुका है। रुपए की इस कमजोरी के कारण, नीति निर्माताओं में स्वभाविक चिंता व्याप्त है। उधर विपक्षी दल भी सरकार को घेरने की कोशिश में है। यह पहली बार नहीं है कि भारतीय रुपया डालर के मुकाबले कमजोर हुआ है। यदि 1991 से अभी तक का हिसाब लगाएं तो रुपया डालर के मुकाबले औसतन सालाना 3.03 प्रतिशत की दर से कमजोर होता रहा है। रुपए में यह अवमूल्यन सभी वर्षों में एक जैसा नहीं रहा। कुछ वर्षों में यह अवमूल्यन औसत से ज्यादा भी रहा है। पिछले 5 महीनों में रुपए का अवमूल्यन 7.28 प्रतिशत तक हो चुका है। पूर्व में रुपया केवल डालर के मुकाबले ही नहीं, यूरो, पाउंड, येन, यूआन समेत कई महत्त्वपूर्ण करंसियों के मुकाबले भी कमजोर होता रहा है। उदाहरण के लिए 1991 से अभी तक रुपया पाउंड के मुकाबले 137 प्रतिशत, यूरो के मुकाबले 489 प्रतिशत और येन के मुकाबले 241 प्रतिशत कमजोर हुआ है। जबकि डालर के मुकाबले यह अवमूल्यन 252 प्रतिशत रहा है।
By: divyahimachal