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- पर्यटन की डिजिटल
हिमाचल के चार पर्यटक शहरों की तलाशी बताती है कि पर्यटन की प्रेतछाया में आपराधिक प्रवृत्तियां कहां-कहां छुप रही हैं। चाइल्ड पोर्नोग्राफी के मामले में मनाली, शिमला, कसौली व धर्मशाला के होटलों में सीबीआई की छानबीन से प्रदेश की छवि को घाटा ही हुआ है। आश्चर्य यह कि पर्यटन की बहारों को तरस रहे प्रदेश के भीतर पाप की दुनिया बसाते-बसाते अमानवीय व आपराधिक गतिविधियां शुरू हुई हैं। पर्यटन की व्याख्या में अपराध के घिनौने कांड अगर जड़ें जमा पाए, तो सारा परिदृश्य पापी हो जाएगा। यह इसलिए भी कि पर्यटक को सिर्फ गिना जा रहा है और इसलिए भी कि पर्यटन को न परिभाषित और न ही मुकम्मल किया जा रहा है। यह कार्य होटल एसोसिएशनों को भी करना चाहिए ताकि हर आने वाले चिन्हित हों। दरअसल हिमाचल में पर्यटन की कोई आचार संहिता है ही नहीं और न ही ऐसे सर्वेक्षण हो रहे हैं कि आखिर पर्यटक के भेष में कौन-कौन आ रहा है।