सम्पादकीय

क्या आपको किसी ने बताया! पावर सेक्टर के निजीकरण के बाद 2-3 गुना बढ़ेगा घर का बिजली बिल

Rani Sahu
25 March 2022 10:49 AM GMT
क्या आपको किसी ने बताया! पावर सेक्टर के निजीकरण के बाद 2-3 गुना बढ़ेगा घर का बिजली बिल
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कैसा लगेगा यदि आपके बिजली बिल में सीधे दो से तीन गुना वृद्धि हो जाए

Girish Malviya

कैसा लगेगा यदि आपके बिजली बिल में सीधे दो से तीन गुना वृद्धि हो जाए. क्या आपका, अपना मंथली बजट बिगड़ नहीं जाएगा? दरअसल, मोदी सरकार इलेक्ट्रिसिटी (अमेंडमेंट) बिल 2021 लागू करने जा रही है. इसमें सबसे बड़ी बात यह है कि सरकार पावर सेक्टर में पूरी तरह से निजीकरण लागू कर देगी.
इस निर्णय के विरोध में पूरे देश के बिजली कर्मचारी 28-29 मार्च को हड़ताल करने जा रहे हैं. पावर सेक्टर के कर्मचारियों और इंजीनियरों की मांग है कि इलेक्ट्रिसिटी (अमेंडमेंट) बिल 2021 वापस लिया जाना चाहिए और सभी तरह की निजीकरण गतिविधियों पर तुरंत रोक लगनी चाहिए. साथ ही पावर सेक्टर के निजीकरण का फैसला वापस होना चाहिए.
दरअसल, पावर सेक्टर को तीन क्षेत्र में बांटा जा सकता है. यह हैं जनरेशन, ट्रांसमिशन और डिस्ट्रीब्यूशन. जनरेशन का मतलब होता है बिजली का उत्पादन करना, ट्रांसमिशन का मतलब होता है कि तारों के जरिए बिजली को किसी अमुक इलाके तक पहुंचाना और डिस्ट्रीब्यूशन का मतलब होता है बिजली को ट्रांसफार्मर से घरों तक पहुंचाना.
अभी तक जेनेरशन पूरी तरह से निजी कंपनियों के हाथों मे जा चुका हैं, अब ट्रांसमिशन और डिस्ट्रीब्यूशन भी निजी क्षेत्र के हवाले किया जा रहा है. कई राज्यों में इसकी शुरूआत भी हो गई है. चंडीगढ़, दादर नगर हवेली, दमन दीव और पुड्डुचेरी जैसे केन्द्र शासित प्रदेशों में इसे लागू किया जा रहा है.
मोदी सरकार देश के बड़े निजी घरानों के दबाव में आकर पावर सेक्टर का निजीकरण करने पर तुली है. वे चाहती हैं कि घरों-संस्थानों में बिजली आपूर्ति और बिल वसूली का काम निजी कंपनियों को सौंपा जाए. इसे फ्रेंचाईजी मॉडल का नाम दिया जा रहा है. यह मॉडल लागू होने के बाद राज्यों के विद्युत वितरण निगम ट्रांसफार्मर तक बिजली पहुंचाएंगे और उसके बाद फ्रेंचाईजी एजेंसी का काम होगा कि वह घर-घर तक बिजली पहुंचाना और बिल की वसूली करना.
इस बिल के जरिए एक बड़ा परिवर्तन यह किया जा रहा है कि किसानों को दी जाने वाली सब्सिडी का भुगतान उनके खाते में किया जाएगा. जिसका मतलब है कि किसानों को पहले पूरा बिजली बिल देना होगा, इसके बाद उनके खाते में सरकार की ओर से सब्सिडी का भुगतान किया जाएगा. डिस्ट्रीब्यूशन कंपनियों को सब्सिडी देने की बजाय सीधे उपभोक्ताओं के खाते में डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर के माध्यम से सब्सिडी दी जाए. साथ में क्रॉस सब्सिडी भी खत्म कर दी जाएगी.
अगर ऐसा होता है तो आप खुद सोच लीजिए कि महंगाई कहां से कहां पहुंच जाएगी. यह अच्छी तरह से समझ लीजिए कि इस बिल को लाकर मोदी सरकार बिल्लियों को दूध की रखवाली सौंप रही है.
Rani Sahu

Rani Sahu

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