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सुरक्षाबलों ने सोमवार को दावा किया कि दक्षिण कश्मीर के पुलवामा जिले में सोमवार (30 मई) को रात भर चली गोलाबारी में पाकिस्तान स्थित जैश-ए-मोहम्मद संगठन (Jaish-e-Mohammed Organization) से जुड़े दो आतंकवादियों को मार गिराया गया है
जहांगीर अली |
सुरक्षाबलों ने सोमवार को दावा किया कि दक्षिण कश्मीर के पुलवामा जिले में सोमवार (30 मई) को रात भर चली गोलाबारी में पाकिस्तान स्थित जैश-ए-मोहम्मद संगठन (Jaish-e-Mohammed Organization) से जुड़े दो आतंकवादियों को मार गिराया गया है. एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने कहा कि दक्षिण कश्मीर के पुलवामा (Pulwama) जिले के गुंडीपोरा गांव में आतंकवादियों की मौजूदगी के बारे में कुलगाम पुलिस से मिली जानकारी के बाद रविवार दोपहर को मुठभेड़ शुरू हुई. जैसे ही तलाशी दल संदिग्ध ठिकाने के पास पहुंचा आतंकवादियों ने फायरिंग शुरू कर दी, जिससे आतंकियों और सुरक्षा बलों के बीच गोलीबारी शुरू हो गई. आतंकवादियों को भागने से रोकने के लिए और घेराबंदी को मजबूत करने के लिए और सुरक्षाबलों को बुलाया गया.
गांव के स्थानीय लोगों ने रात में रुक-रुक कर फायरिंग की आवाज सुनने का दावा किया. सुबह के समय फायरिंग तेज हो गई और पहले आतंकवादी को मार गिराया गया. लगभग 30 मिनट के बाद जम्मू-कश्मीर पुलिस ने ट्वीट किया- 'पुलवामा एनकाउंटर में एक और कुल दो 2 आतंकवादी मारे गए और दो एके राइफल बरामद. सर्च ऑपरेशन जारी है. आगे के निर्देशों का पालन किया जाएगा.' अधिकारियों ने कहा कि मारे गए आतंकवादियों में से एक की पहचान आबिद शाह के तौर पर की गई है. वह कांस्टेबल रियाज अहमद ठोकर की हत्या में शामिल था. रियाज अहमद की 13 मई को पुलवामा में हत्या कर दी गई थी. दूसरे मारे गए आतंकवादी की पहचान तुरंत नहीं हो पाई है. दक्षिण कश्मीर के पुलवामा के गुदूरा गांव में उनके आवास पर आतंकवादियों द्वारा किए हमले में स्पेशल पुलिस ऑफिसर थोकर गंभीर रूप से घायल हो गए थे और अस्पताल में इलाज के दौरान उनकी मौत हो गई थी.
पुलवामा में मुठभेड़ पिछले कई दिनों में हुई छठी ऐसी घटना थी, जिसमें कश्मीर के विभिन्न हिस्सों में सुरक्षाबलों द्वारा 12 आतंकवादियों को मार गिराया गया. इन मुठभेड़ों में एक विशेष पुलिस अधिकारी और सेना का एक कुली भी मारा गया. बांदीपोरा में एक अन्य ऑपरेशन में सुरक्षाबलों के साथ थोड़ी देर चली गोलीबारी के बाद आतंकवादी भागने में कामयाब रहे. इस साल अब तक 80 से ज्यादा आतंकियों को ढेर किया जा चुका है.
गृहमंत्री अमित शाह द्वारा 17 मई को राजधानी में सुरक्षा समीक्षा बैठक की अध्यक्षता करने के बाद सुरक्षाबलों ने कश्मीर में आतंकवाद विरोधी अभियान तेज कर दिया है. न केवल आतंकवादियों बल्कि नागरिकों और सुरक्षाबलों के जवानों के मारे जाने के मामले में मई का महीना इस साल का अब तक का सबसे खतरनाक महीना साबित हो रहा है. 30 जून से अमरनाथ यात्रा शुरू होने जा रही है. खुफिया जानकारी से पता चला है कि आतंकवादी इस तीर्थयात्रा में रुकावट डालने की कोशिश कर सकते हैं. तीन साल बाद पहली बार तीर्थयात्रा पूरी तरह से शुरू हो रही है. कम से कम छह लाख तीर्थयात्रियों के दक्षिण कश्मीर की लिद्दर घाटी में स्थित अमरनाथ गुफा के दर्शन करने की उम्मीद जताई जा रही है.
कश्मीर में हाल ही में एक सुरक्षा समीक्षा बैठक के दौरान सुरक्षा अधिकारियों ने ड्रोन हमलों और तीर्थयात्रियों के वाहनों को निशाना बनाने के लिए स्टिकी बमों के इस्तेमाल जैसे आतंकी खतरों से निपटने के लिए तत्काल योजनाओं पर चर्चा की. तीर्थयात्रा के दौरान आम तौर पर आपातकालीन अभियानों के लिए इस्तेमाल की जाने वाली सेना को पहलगाम और सोनमर्ग से तीर्थ स्थल तक जाने वाले दोनों मार्गों को सुरक्षित करने के लिए ड्यूटी पर रखा जा सकता है.
तीर्थयात्रियों के लिए अस्थायी आश्रय, स्वच्छता केंद्रों, चिकित्सा केंद्रों और अन्य सुविधाओं के साथ-साथ दोनों यात्रा मार्गों को सुरक्षित करने के लिए केंद्र अर्धसैनिक बलों की लगभग 350 कंपनियों को भी तैनात कर रहा है जिनमें से अधिकांश केंद्रीय रिजर्व अर्धसैनिक बलों (सीआरपीएफ) से ली गई हैं. जबकि 43 दिवसीय तीर्थयात्रा की तैयारी जोरों पर है और पिछले एक हफ्ते में आतंकवादियों के मारे जाने की घटनाएं बढ़ी हैं ऐसे में आंतरिक इलाकों में स्थिति खराब होती दिख रही है जहां आतंकवादी निहत्थे नागरिकों और ऑफ ड्यूटी पुलिसकर्मियों को निशाना बना रहे हैं.
मध्य कश्मीर के चदूरा की एक युवा सोशल मीडिया स्टार, एक कश्मीरी पंडित कर्मचारी, उत्तरी कश्मीर के बारामूला में एक शराब की दुकान के एक कर्मचारी और एक ऑफ-ड्यूटी पुलिसकर्मी जो अपनी बेटी को ट्यूशन के लिए छोड़ने गया था, सहित छह लोग आतंकवादियों द्वारा मारे जा चुके हैं. आतंकवादियों के खिलाफ मिली बड़ी सफलता के बावजूद नागरिकों और सुरक्षाबलों पर जारी हमलों ने सुरक्षा बलों की नींद उड़ा दी है. जिसके मद्देनजर जम्मू-कश्मीर के पुलिस महानिदेशक दिलबाग सिंह ने हाल ही में एक बैठक के दौरान कश्मीर में सुरक्षा व्यवस्था की समीक्षा करने का आदेश दिया है. केंद्र शासित प्रदेश को सीधे तौर पर चलाने वाले केंद्र ने भी कश्मीर में विभिन्न सुरक्षा एजेंसियों से कहा है कि शांति सुनिश्चित करने के लिए आतंकवादियों के खिलाफ अभियान तेज करने की जरूरत है ताकि शांति बनी रहे.
सोर्स- tv9hindi.com
Rani Sahu
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