सम्पादकीय

सेना में संस्कृति

Gulabi
6 Nov 2021 5:55 AM GMT
सेना में संस्कृति
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देश में उपचुनावों के परिणाम से कम से कम डीजल और पेट्रोल की कीमत में कुछ कमी जरूर हुई

देश में उपचुनावों के परिणाम से कम से कम डीजल और पेट्रोल की कीमत में कुछ कमी जरूर हुई। आईपीएल से सीधे वर्ल्ड कप खेलने पहुंची विजेता ट्राफी की मजबूत दावेदार या बकौल मीडिया इकलौती दावेदार भारतीय टीम के लिए अब सेमीफाइनल में पहुंचने का ख्वाब भी दूर की कौड़ी लगने लगा है। त्योहारों के सीजन में कोरोना वायरस को भूलकर करवा चौथ से दीपावली और दिवाली से भैया दूज के लिए होने वाली खरीददारी में बाजारों में लगी भीड़ शायद दोनों टीके लगवाने के बाद प्रधानमंत्री जी की तरह पूर्ण आश्वस्त है कि कोविशील्ड संजीवनी लेने के बाद मास्क जरूरी नहीं है। सत्तर साल की आजादी ने हमें इतना शिक्षित कर दिया है कि आज हमारे नेता इस पर्व का भी राजनीतिकरण करने लग गए हैं। एक तरफ एक मुख्यमंत्री अपने मंत्रिमंडल के साथ पूजा करने का सीधा प्रसारण नेशनल चैनल पर करवाता है तो दूसरी तरफ चितकबरी वर्दी पहने सैनिकों के बीच प्रधानमंत्री प्राइम टाइम की मुख्य खबर बनता है।


यह सब ठीक है क्योंकि शायद हमारे लिए एक अच्छा नेता होने का पैमाना यही है। अगर सेना की बात की जाए तो प्रधानमंत्री का सैनिकों के साथ दिवाली मनाना अवश्य ही एक सार्थक पहल है, पर इससे भी ज्यादा हर साल दिवाली पर प्रधानमंत्री का सैनिकों के साथ होना सेना में एक नई संस्कृति की शुरुआत है। वैसे सेना में संस्कृति की बात की जाए तो सेना के रीति-रिवाज और संस्कृति बहुत ही सुदृढ़ और सम्माननीय है। अंतरराष्ट्रीय सीमा पर खड़े दोनों देशों के सैनिक अपने-अपने त्योहारों के दौरान एक-दूसरे के साथ अपने प्यार, भावना और सम्मान को सांझा करते हुए, ईद पर पाकिस्तान की तरफ से तो दिवाली पर हिंदुस्तान की तरफ से मिठाइयों का आदान-प्रदान किया जाता है। इसके अलावा भी भारतीय संस्कृति की बात की जाए तो युद्ध के दौरान दुश्मन देश के घायल और बंदी सैनिकों का इलाज तथा शहीदों का अंतिम संस्कार पूरे मान-सम्मान के साथ किया जाता है। भारतीय सेना का सुप्रीम कमांडर राष्ट्रपति होता है। जबकि इसका मुख्य संचालक चीफ ऑफ आर्मी स्टाफ या जनरल होता है। आजकल सीडीएस के एक नए पद का सृजन किया गया है जो सेना के तीनों अंगों में समन्वय स्थापित करता है।

भारतीय सेना के जनरल के कंधे पर अशोक, तलवार तथा स्टार होता है, जिसकी गाड़ी पर 4 स्टार होते हैं। फील्ड मार्शल एक मानक उपाधि है, जो अभी तक जनरल मानेक शॉ और केएम करिअप्पा को मिली है, जबकि एयरफोर्स के इकलौते फील्ड मार्शल अर्जन सिंह रहे हैं। भारतीय सेना को दुनिया की चौथी सबसे ताकतवर सेना माना जाता है, जबकि सैनिकों की संख्या के हिसाब से विश्व की दूसरी बड़ी सेना में करीब 14 लाख सक्रिय सैनिक हैं, जबकि करीब 9.5 लाख रिजर्व सैनिक हैं। भारतीय सेना में भौगोलिक आधार पर अलग-अलग रेजिमेंट होती हैं, लेकिन यह सात कमांड में बंटी हैं। भारतीय सेना में शुरुआती रैंक सिपाही होता है जो अपनी फौजी काबीलियत तथा शारीरिक फिटनेस के आधार पर सूबेदार मेजर या आरनरी कैप्टन बनता है, जबकि अधिकारी का शुरुआती पद लैफ्टिनैंट तथा सबसे बड़ा पद जनरल का होता है जो पूरी सेना को कमांड करता है।

कर्नल (रि.) मनीष धीमान
स्वतंत्र लेखक
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