सम्पादकीय

भीड़ से बचाव

Rani Sahu
22 Dec 2021 6:51 PM GMT
भीड़ से बचाव
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कोरोना के नए संस्करण ओमीक्रोन के कारण भारत ही नहीं, दुनिया के अनेक देशों में तनाव हावी है

कोरोना के नए संस्करण ओमीक्रोन के कारण भारत ही नहीं, दुनिया के अनेक देशों में तनाव हावी है। क्रिसमस और नववर्ष के स्वागत संबंधी आयोजनों पर भी इस संकट का साया मंडराने लगा है। ऐसा लगता है कि पिछले वर्ष की तरह ही इस साल भी उत्सव आयोजन पर असर पड़ेगा। दिल्ली सरकार ने अगर आयोजनों पर रोक लगाने के लिए कहा है, तो उसके फैसले का स्वागत होना चाहिए। दिल्ली में जिलाधिकारियों को अपने-अपने अधिकार क्षेत्र में सभी आवश्यक उपाय करने के निर्देश दिए गए हैं। जाहिर है, अब लोगों को अपने घर में रहते हुए ही नए साल का स्वागत करना होगा और यही उचित है। सरकारी आंकड़ों को अगर देखें, तो दिल्ली 57 मामलों के साथ ओमीक्रोन संक्रमण में सबसे आगे है, इसके बाद महाराष्ट्र (54), तेलंगाना (24) और कर्नाटक (19) का स्थान है। राष्ट्रीय राजधानी में गहन सर्वेक्षण करने के लिए कहा गया है। उन इलाकों की पहचान की जा रही है, जो ओमीक्रोन संक्रमण के मामले में खतरनाक साबित हो सकते हैं। मास्क और परस्पर दूरी को फिर अनिवार्य करने को कहा गया है। इसमें शक नहीं है कि पिछले दिनों शादी-ब्याह और अन्य प्रकार के आयोजनों में जिस तरह से कोविड दिशा-निर्देशों की अवहेलना हुई है, उसके परिणाम सामने आने लगे हैं।

कोई आश्चर्य नहीं कि दिल्ली के अलावा मुंबई में भी धारा 144 लागू है। वहां भी लोगों को सावधान कर दिया गया है। वहां भी आयोजनों पर पाबंदी लग चुकी है। अन्य शहरों में भी स्थानीय निकाय अपने-अपने स्तर पर पाबंदियां लगाने में जुटे हैं। यह आशंका जताई जा रही है कि बचाव से खिलवाड़ हुआ, तो जनवरी के महीने में ओमीक्रोन के मामले बढ़ सकते हैं। जरूरी है कि अभी से बडे़ आयोजनों को रोका जाए और सभा, रेस्तरां, ऑडिटोरियम में पचास प्रतिशत से ज्यादा लोगों को उपस्थित न होने दिया जाए। तमाम राज्यों को शादी समारोहों में भी लोगों की अधिकतम सीमा तय करनी चाहिए। सभी सामाजिक, राजनीतिक, सांस्कृतिक, मनोरंजन कार्यक्रमों और धार्मिक समारोहों में भीड़ को रोकने के प्रबंध जरूरी हैं। जिन राज्यों में चुनाव हैं, वहां विशेष रूप से सावधान रहना होगा। उत्तर प्रदेश में विशेष रूप से दिशा-निर्देशों की गंभीरता से पालना जरूरी है।
भारत में मंगलवार को कोविड-19 के 6,317 नए मामले दर्ज किए गए हैं। तुलनात्मक रूप से यह आंकड़ा ज्यादा नहीं है, लेकिन बड़ी चिंता की बात यह है कि कोरोना से लोगों की मौत का क्रम टूट नहीं रहा है। मंगलवार को करीब 318 लोगों की मौत हुई है। भय और चिंता इसलिए भी ज्यादा है, क्योंकि ओमीक्रोन को डेल्टा की तुलना में कई गुना ज्यादा संक्रामक बताया जा रहा है। केंद्र सरकार ने तमाम राज्य सरकारों को चेता दिया है कि जरूरत के हिसाब से प्रतिबंध लगाए जाएं। आशंका है कि पूरे देश में रात के कफ्र्यू की वापसी हो सकती है और सभाओं-आयोजनों पर रोक भी लौट सकती है। अभी देश जिस मुकाम पर है, वहां हम व्यावसायिक गतिविधियों को नहीं रोक सकते और न लॉकडाउन की वापसी संभव है, लेकिन आयोजनों को जरूर रोक सकते हैं। भीड़ से बचने की दिशा में हमारे नेताओं को पहल करनी चाहिए। कहीं कड़ाई और कहीं ढिलाई का खतरा हम नहीं उठा सकते। हम अगर ठान लें, तो तीसरी लहर टल सकती है।

हिंदुस्तान

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